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    Delhi Blast: अल फलाह को लेकर जमीयत के बयान पर बवाल, बीजेपी बोली- आतंकी बचाओ अभियान हुआ एक्टिव

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 08:30 PM (IST)

    दिल्ली के लाल किला कार बम धमाके के आतंकियों को पनाह देने के आरोप में अल फलाह यूनिवर्सिटी के कुलपति पर हुई कार्रवाई को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने कहा कि 'आतंकी बचाओ जमात' सक्रिय हो गई है। भाजपा नेताओं ने मुसलमानों की भागीदारी और आतंकवाद पर दोहरी नीति को लेकर भी अपनी बात रखी।

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    शहजाद पूनावाला। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली लाल किला कार बम धमाके के आतंकियों की पनाहगाह बनी अल फलाह यूनिवर्सिटी के कुलपति पर कार्रवाई को मुसलमानों के साथ भेदभावपूर्ण बताने वाले जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने कहा कि आतंकी बचाओ जमात सक्रिय हो गई है।

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    भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रतिक्रिया में कहा कि वोट बैंक के नाम पर 'तुष्टिकरण के भाईजान' और 'आतंकी बचाओ जमात' सक्रिय हो उठे हैं। उन्होंने कहा कि अरशद मदनी, मेयर तो छोडि़ए, ये देश मुसलमानों को राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधान न्यायाधीश और गृह मंत्री भी बनते देख चुका है। देश से सबसे बड़े कलाकार और कारोबारी भी मुस्लिम समुदाय से ही आते हैं।

    उन्होंने कहा कि जब कोई आतंकवादी घटना होती है, तो वे लोग, जो कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, धर्म के आधार पर आतंकवादियों की वकालत करने लगते हैं।

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देश में एपीजे अब्दुल कलाम मुस्लिमों के आदर्श हैं। उन्होंने हमेशा अपना मस्तक ऊंचा रखा। दूसरों को अपना आदर्श क्यों बनाना।

    शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अरशद मदनी का बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना है। वह बड़े हैं और उन्हें याद रखना चाहिए कि जमीयत उलमा-ए-हिंद ने आजादी के आंदोलन में योगदान दिया है। वह ऐसी टिप्पणी करके हिंदुस्तान का नाम खराब कर रहे हैं।

    अरशद मदनी ने क्या कहा था?

    मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को जमीयत के मुख्यालय में आयोजित एक सत्र में कहा था कि एक तरफ जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर चुने जाते हैं, एक खान लंदन का मेयर बन सकता है, लेकिन वहीं भारत में मुसलमान किसी विश्वविद्यालय का कुलपति भी नहीं बन सकता। अगर कोई बन भी जाए तो उसे जेल भेज दिया जाता है, जैसे कि आजम खान।

    देखिए, आज अल फलाह में क्या हो रहा है। इसके संस्थापक को जेल में डाल दिया गया है और कोई नहीं जानता कि वह कितने वर्षों तक जेल में रहेंगे। मदनी ने आरोप लगाया कि सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है कि मुसलमान अपना सिर न उठाने पाएं।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)