'EVM से चुनाव जीतने वाले राहुल और प्रियंका गांधी दें इस्तीफा, तभी कांग्रेस के आरोपों पर जनता करेगी भरोसा', भाजपा ने की मांग
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल उठाया है। पार्टी का कहना है कि निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है। पार्टी का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र चुनाव में हेर-फेर हुई है। इस संबंध में एक शिकायत भी चुनाव आयोग से की गई है। अब भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा ने ईवीएम की विश्वसनीयता सहित चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने के लिए शनिवार को कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि उसके मुख्यमंत्रियों और राहुल गांधी जैसे अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को इस्तीफा दे देना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि वे मतपत्र से चुनाव होने पर ही इसमें भाग लेंगे।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह का रुख उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर उनके भरोसे को दिखाएगा। अन्यथा उनके आरोप खोखले शब्दों के अलावा कुछ नहीं हैं।
कांग्रेस को अदालत जाना चाहिए
भाटिया ने कहा कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर अदालत का रुख भी करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईवीएम की विश्वसनीयता की पुष्टि की है। कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वे उसी चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए हैं, जिस पर विपक्षी पार्टी सवाल उठा रही है।
इतिहास के पन्नों तक सीमित हो जाएगी कांग्रेस: भाजपा
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम पर उस दिन सवाल उठाया, जिस दिन प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। कांग्रेस जल्द ही इतिहास के पन्नों तक सीमित हो जाएगी।
अखिलेश यादव पर भी साधा निशाना
भाजपा प्रवक्ता ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर दंगाइयों की ढाल बनने का आरोप लगाया। कहा कि विपक्षी पार्टी के सांसद और अन्य सदस्य शांति बहाली के लिए प्रतिबद्धता दिखाने के बजाय हिंसा भड़काने में शामिल हैं। जब राज्य में सपा की सरकार थी तो अक्सर दंगे भड़कते थे और विपक्षी पार्टी को पुलिस पर भरोसा नहीं है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम पर दागे सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, एक संवैधानिक जनादेश, चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली के कारण गंभीर रूप से सवालों के घेरे में है।
महाराष्ट्र में मिली हार के बाद पार्टी कै बैठक में खरगे ने कहा कि हमें सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। हमारी हार केवल हमारी अपनी कमजोरियों के कारण नहीं हुई बल्कि एक अदृश्य शक्ति के कारण हुई है। एक घंटे के भीतर 70 लाख वोट कैसे डाले जा सकते हैं? यह असंभव है। चुनाव आयोग लोकतंत्र की ताकत है, मगर अब इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
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