लोकसभा चुनाव में मिले झटके से उबरी बीजेपी, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली की हैट्रिक ने भरा जोश
दिल्ली में विपक्षी गठबंधन के अहम सहयोगी आम आदमी पार्टी को 12 साल बाद सत्ता से बेदखल करने से उत्साहित भाजपा अब दक्षिण के राज्यों में अपनी स्थिति और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। हरियाणा महाराष्ट्र और अब दिल्ली क चुनाव मिली जीत ने लोकसभा के झटके के असर से उबरने में बीजेपी को मदद की है।
नीलू रंजन, जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में हैट्रिक के बाद आठ महीने पहले लोकसभा चुनाव में लगे झटके से बाहर आकर भाजपा इंडी गठबंधन गठबंधन दलों के साथ आने वाले विधानसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए तैयार है।
तीन राज्यों की जीत ने भाजपा को इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा और अगले साल की शुरूआत में होने वाले असम व पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव में सरकार बचाने के साथ ही अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में विपक्ष के सामने मजबूत चुनौती देने के लिए जोश से भर दिया है।
बंगाल और तमिलनाडु के लिए नई रणनीति पर काम
- दिल्ली में विपक्षी गठबंधन के अहम सहयोगी आम आदमी पार्टी को 12 साल बाद सत्ता से बेदखल करने से उत्साहित भाजपा अन्य सहयोगी दलों खासकर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में डीएमके को सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर काम शुरू कर सकती है।
- 2021 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भले ही तृणमूल कांग्रेस के 213 भाजपा को 77 सीटें मिली हों, लेकिन भाजपा ने 38.5 फीसद मत प्रतिशत हासिल कर अपनी दमदार उपस्थिति को दर्ज करा दिया था।
- तृणमूल कांग्रेस को भाजपा से 10 फीसद अधिक 48.5 फीसद वोट मिले थे। लेकिन 2016 के 10.3 फीसद मत प्रतिशत और तीन सीटों से तुलना करें तो भाजपा की लंबी छलांग का अंदाजा लगाया जा सकता है।
- भाजपा अप्रैल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से मत प्रतिशत और सीटों दोनों में तृणमूल कांग्रेस से आगे निकलने की कोशिश करेगी। तमिलनाडु में भाजपा अपने पुराने सहयोगी एआइडीएमके का साथ छोड़ने का परिणाम लोकसभा चुनाव में देख चुकी है।
एआईडीएमके और बीजेपी फिर आ सकती हैं साथ
तमिलनाडु भाजपा के शीर्ष नेता समेत केंद्रीय नेतृत्व भी विधानसभा चुनाव के पहले एआइडीएमके के फिर से राजग में आने को लेकर सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। एआइएडीएमके के राजग में लौटने की स्थिति में तमिलनाडु में डीएमके गठबंधन को मजबूत चुनौती मिल सकती है।
केरल में बीजेपी का होगा नया समीकरण
केरल में आइएनडीआइए के दो घटक दल कांग्रेस और सीपीएम आमने-सामने हैं। उनकी आपस की लड़ाई में भाजपा लोकसभा चुनाव में पहली बार एक सीट के साथ खाता खोलने में सफल रही थी। केरल में भाजपा फिलहाल मत प्रतिशत बढ़ाने के साथ ही विधानसभा में उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करेगी।
बिहार में बीजेपी गठबंधन की स्थिति मजबूत
वहीं जदयू, लोजपा और हम के साथ मजबूत गठबंधन के साथ भाजपा वैसे भी बिहार में खुद को मजबूत स्थिति में मान रही है। वहीं असम में भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त दिख रही है।
तीन राज्यों की जीत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं में भरा जोश
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली जीत ने निश्चित रूप से भाजपा कार्यकर्ता में जोश भर दिया है, जो लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से बैकफुट पर नजर आ रहे थे। लोकसभा चुनाव में बिहार राजग ने 40 में से 30 सीटें और असम में 14 में से 11 सीटें जीत कर साबित कर दिया था कि जनता के बीच उसकी लोकप्रियता बरकरार है।
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