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इलेक्टोरल ट्रस्टों से भाजपा को मिला 276.45 करोड़ का चंदा, कांग्रेस को मिले सिर्फ 58 करोड़, जानें- किसने दिया सबसे ज्यादा रकम

गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसारभाजपा को मिला 276.45 करोड़ का चंदा। दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस को चंदे के रूप में सिर्फ 58 करोड़ रुपये मिले। यह कुल राशि का 15.98 फीसद है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 08:13 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:13 PM (IST)
इलेक्टोरल ट्रस्टों से भाजपा को मिला 276.45 करोड़ का चंदा, कांग्रेस को मिले सिर्फ 58 करोड़, जानें- किसने दिया सबसे ज्यादा रकम
एडीआर ने जारी की 2019-20 में मिले चंदे की रिपोर्ट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, प्रेट्र । केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को वर्ष 2019-20 के दौरान इलेक्टोरल ट्रस्टों से 276.45 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त हुआ जो वर्ष के दौरान कुल राजनीतिक दलों को मिले चंदे का 76.71 फीसद है। गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस को चंदे के रूप में सिर्फ 58 करोड़ रुपये मिले। यह कुल राशि का 15.98 फीसद है। अन्य 12 दलों आप, शिवसेना, सपा, युवा जन जागृति पार्टी, जननायक पार्टी, जदयू, झामुमो, लोजपा, अकाली दल, इनेलो, नेशनल कांफ्रेंस व रालोद को इलेक्टोरल ट्रस्टों से 25.46 करोड़ रुपये का चंदा मिला।

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इन्होंने दिया इलेक्टोरल ट्रस्टों को सबसे ज्यादा चंदा

वित्तीय वर्ष 2019-20 में इलेक्टोरल ट्रस्टों के योगदान का विश्लेषण करने वाली रिपोर्ट बताती है कि शीर्ष चंदा दाताओं में जेएसडब्ल्यू, अपोलो टायर्स, इंडियाबुल्स, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट व डीएलएफ समूह शामिल रहे। वर्ष के दौरान 18 व्यक्तिगत चंदे भी ट्रस्ट को प्राप्त हुए। 10 लोगों ने प्रुडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2.87 करोड़ रुपये व चार ने स्माल डोनेशनल इलेक्टोरल ट्रस्ट को 5.50 लाख रुपये दान दिए। बता दें कि 39.10 करोड़ रुपये के चंदे के साथ जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड रही शीर्ष पर है। 30 करोड़ रुपये चंदा देने वाली अपोलो टायर्स लिमिटेड दूसरे नंबर पर है। वहीं 25 करोड़ रुपये का चंदा देकर इंडियाबुल्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड रही तीसरे स्थान पर है।

21 में से 14 इलेक्टोरल ट्रस्टों ने सौंपा अपना ब्योरा

चुनाव आयोग ने पारदर्शिता के लिए इलेक्टोरल ट्रस्टों को मिले चंदे और उनकी तरफ से राजनीतिक दलों को जारी की गई राशि का ब्योरा सौंपने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। ये दिशा-निर्देश जनवरी 2013 के बाद बने सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रतिनिधि इलेक्टोरल ट्रस्ट, पीपुल्स इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट, जनहित इलेक्टोरलट ट्रस्ट, बजाज इलेक्टोरल ट्रस्ट व जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट को जारी किए गए थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड में पंजीकृत 21 में से 14 इलेक्टोरल ट्रस्टों ने अपना ब्योरा सौंपा है, जिनमें से सिर्फ सात ने वर्ष के दौरान चंदा प्राप्त होने की बात कही है।

इलेक्टोरल ट्रस्ट भारत के कंपनी अधिनियम के अंतर्गत गठित गैर लाभकारी कंपनियां हैं। इनका गठन चुनावी चंदे को स्वीकार करने के लिए किया जाता है। ये ट्रस्ट पंजीकृत राजनीतिक दलों में चंदे का वितरण करते हैं।


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