कौन होगा BJP का नया अध्यक्ष? रेस में ये 5 नाम सबसे आगे; इसी हफ्ते हो सकता है एलान
भाजपा इस सप्ताह अपने नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता बैठकों में व्यस्त हैं। धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान जैसे नाम चर्चा में हैं। अमित शाह की पार्टी नेताओं के साथ बैठकों का दौर जारी है। पहले यह चुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के बाद होने वाला था। जेपी नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनावों तक बढ़ाया गया था, लेकिन नए अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी हो रही है।

भाजपा अध्यक्ष की घोषणा इसी हफ्ते।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। भाजपा के नए अध्यक्ष की घोषणा इसी हफ्ते हो सकती है। नया अध्यक्ष तय करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पिछले तीन दिन से बैठकों का सिलसिला जारी है। मंगलवार को संगठन चुनावों के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष के लक्ष्मण की अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा में नए राष्ट्रीय की चर्चा तेज हो गई है।
बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पार्टी पदाधिकारियों को दिये जाने वाले रात्रिभोज को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वैसे घोषित तौर पर रात्रिभोज को बिहार की जीत के उपलक्ष्य में बताया जा रहा है।
भाजपा अध्यक्ष की घोषणा इसी हफ्ते
नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, सुनील बंसल और मनोहर लाल खट्टर जैसे नामों की चर्चा लंबे समय से चल रही है, लेकिन अंतिम समय में चौंकाने वाले किसी नाम की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल 28,29 और 30 नवंबर को रायपुर में देश भर के डीपीपी की बैठक होना तय है।
इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों होंगे। मोदी और शाह हमेशा तीनों दिनों तक आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे अहम बैठक में ह्सि्सा लेते रहे हैं। उसके बाद एक दिसंबर से 19 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र चलेगा। उसके बाद नई घोषणा के लिए भाजपा मकर संक्राति का इंतजार करती है।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो नए अध्यक्ष की घोषणा के लिए अगले तीन दिन काफी अहम है। लगभग एक साल से टल रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के बाद होने की चर्चा पहले से थी।
अमित शाह की बैठकों का दौर जारी
सूत्रों के अनुसार शनिवार की रात में अमित शाह, जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष के बीच नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों को लेकर लंबी चर्चा हुई। उसके बाद अमित शाह विभिन्न नेताओं के साथ संपर्क करते रहे।
पिछले तीन दिनों से अमित शाह की सार्वजानिक कार्यक्रमों के दूरी को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। ध्यान देने की बात है कि भाजपा ने पिछले साल अक्टूबर में ही जिला स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक संगठन चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी थी।
रेस में कई बड़े नामों की चर्चा
इससे जनवरी-फरवरी तक नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव संपन्न होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव और उसके बाद आपरेशन सिंदूर, जैसे कई कारणों से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए जरूरी आधे से अधिक राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव नहीं हो सका। जुलाई में यह पूरा हो गया। लेकिन अंतत इसे बिहार विधानसभा चुनाव तक के लिए टाल दिया गया।
2020 में तीन साल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए जेपी नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनावों को देखते हुए 30 जून 2024 तक बढ़ाया गया था। लेकिन नए राष्ट्रीय का चुनाव नहीं होने के कारण वे इस पद पर बने हुए हैं। वैसे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर भाजपा और आरएसएस के बीच मतैक्य नहीं होने के भी कयास लगाए जा रहे थे।
लेकिन अगस्त में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने साफ कर दिया था कि यह फैसला खुद भाजपा को लेना है और आरएसएस का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

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