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    Uniform Civil Code: राज्यसभा में भाजपा सांसद ने पेश किया समान नागरिक संहिता बिल, विपक्ष ने किया भारी विरोध

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Fri, 09 Dec 2022 06:15 PM (IST)

    देश में इस मुद्दे पर काफी लंबे समय से सियासी घमासान जारी है। इस बिल में मांग की गई है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक National Inspection Investigation Commission बनाया जाए।

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    देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने के वादे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भाजपा यह प्रस्ताव रखा।

    नई दिल्ली, एएनआई। राज्यसभा में शुक्रवार को भारी हंगामे के बीच भापजा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने 'भारत में समान नागरिक संहिता विधेयक, 2020' पेश किया। जिसका विपक्षी सदस्यों ने जमकर विरोध किया। बिल को पेश करने के बाद मतदान हुआ, जिसके पक्ष में 63 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 23 वोट डाले गए। देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने के वादे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भाजपा यह प्रस्ताव रखा।

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    यूनिफॉर्म सिविल कोड

    बता दें कि देश में इस मुद्दे पर काफी लंबे समय से सियासी घमासान जारी है। इस बिल में मांग की गई है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक National Inspection & Investigation Commission बनाया जाए। अब राज्यसभा में भी शीतकालीन सत्र के दौरान यूसीसी (UCC) पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया है।

    समान नागरिक संहिता भारत में नागरिकों के व्यक्तिगत कानूनों को बनाने और लागू करने का एक प्रस्ताव है, जो सभी नागरिकों पर उनके धर्म, लिंग और यौन अभिविन्यास की परवाह किए बिना समान रूप से लागू होता है।

    वर्तमान में, विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानून उनके धार्मिक शास्त्रों द्वारा शासित होते हैं। यह कोड संविधान के अनुच्छेद 44 (Article 44) के तहत आता है, जो बताता है कि भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। विशेष रूप से, भाजपा के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, पार्टी ने सत्ता में आने पर यूसीसी के कार्यान्वयन का इसका वादा किया था।

    बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू हुआ है और इसमें 17 कार्य दिवस होंगे। सरकार ने अधिसूचित कार्यक्रम के अनुसार सत्र के दौरान कुल 16 नए विधेयक पेश करने की योजना बनाई गई है।

    विपक्ष का UCC को लेकर विरोध

    तृणमूल कांग्रेस (TMC), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), राष्ट्रीय जनता दादल (RJD), समाजवादी पार्टी (SP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), CPI (मार्क्सवादी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विपक्षी सदस्य ), और कांग्रेस ने यह कहते हुए विधेयक पेश करने का विरोध किया कि यदि यह पारित हो जाता है, तो यह देश में प्रचलित सामाजिक ताने-बाने और विविधता में एकता को 'नष्ट' कर देगा।

    क्या कहा सपा सांसद राम गोपाल यादव ने

    सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, 'राज्यसभा में विपक्ष ने आज भारत में समान नागरिक संहिता विधेयक, 2020 का पुरजोर विरोध किया, यह असंवैधानिक है। अल्पसंख्यकों के शैक्षिक, सांस्कृतिक, धार्मिक अधिकार संविधान के अनुसार मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आते हैं।

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