'क्या राहुल गांधी चीनी प्रतिष्ठान के प्रवक्ता बन गए हैं?', रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता से पूछा सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के बयानों पर निशाना साधा। रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा कि क्या वह चीनी प्रतिष्ठानों के प्रवक्ता बन गए हैं? भाजपा नेता ने राहुल गांधी से पूछा कि उन्हें सशस्त्र बलों पर विश्वास नहीं है। इसके अलावा उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के मुद्दे पर भाजपा सरकार पर हमलावर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भाजपा ने करारा पलटवार किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा प्रश्न उठाया है कि क्या राहुल गांधी चीन के प्रवक्ता हो गए हैं? हर बार वह आईएनडीआईए की बैठक में चीन का स्तुतिगान क्यों करते हैं?
रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी से पूछा सवाल
भाजपा नेता ने कहा कि यह संशय होता है कि इस विपक्षी गठबंधन से क्या चीन भी प्रसन्न है? भाजपा मुख्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी द्वारा चीन को लेकर सरकार पर उठाए जा रहे प्रश्नों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा,
भारत की सेना ने लद्दाख के बारे में बार-बार बताया कि गलवन में क्या हुआ, बाकी जगह क्या हुआ, हमने क्या-क्या साहसिक काम किया, लेकिन राहुल को सेना पर भी विश्वास नहीं है? वह सेना के बलिदान का सुबूत मांगते हैं। कैसे-कैसे लोग राहुल गांधी के मित्र हैं। जो उन्हें प्रमोट करते हैं, उन्हें चीन फंडिंग करता है। आपके (राहुल) पिताजी के नाम के एनजीओ को कहां-कहां से पैसा मिला है, इसकी चर्चा पहले हो चुकी है। क्या राहुल गांधी इतनी बेशर्मी से चीन के प्रवक्ता बनेंगे?
चीन को लेकर राहुल से सवाल?
रविशंकर ने कहा कि आपके नानाजी के समय 4500 किलोमीटर जमीन चली गई। तिब्बत कब गुलाम हुआ था? दलाईलामा कब भागे थे? कुछ नहीं पता राहुल गांधी को। हर बार चीन के प्रवक्ता बनकर भारतीय सेना के मनोबल को कमजोर करने का प्रयास करते हैं।
भाजपा नेता ने एके एंथनी की बात दिलाई याद
भाजपा नेता ने याद दिलाया कि कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार की अधिकृत लाइन थी कि हमें चीन से सटे भारत के हिस्सों पर आधारभूत विकास करके चीन को नाराज नहीं करना है। तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंथनी का यह संसद में बयान था, जबकि आज लद्दाख से अरुणाचल तक सारी सड़कें, पुलिया बन गई हैं। सेना के ट्रक सामान और हथियार लेकर दौड़ते हैं।
आईएनडीआईए की बैठक पर भाजपा नेता का निशाना
रविशंकर ने आईएनडीआईए की मुंबई में आयोजित बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में 'गिव एंड टेक' शब्द का उल्लेख किया गया है। इस गठबंधन के लोग गिव एंड टेक की भाषा से बहुत परिचित हैं। इनकी पूरी राजनीति गिव एंड टेक पर टिकी है। पूरा टूजी गिव एंड टेक था, कोयला घोटाला गिव एंड टेक था, कॉमनवेल्थ गिव एंड टेक था। लालू प्रसाद और उनकी सरकार ने तो गिव एंड टेक की पराकाष्ठा पार दी। चारा घोटाले में सजा मिल गई। एक नहीं, कई मुकदमों में जमानत पर हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक का एकमात्र परिणाम यह है कि इन्होंने गिव एंड टेक के अपने सिद्धांत को राजनीतिक रूप से भी स्वीकार किया है। यह भारत में विकल्प की तलाश करने निकले हैं। इनकी पूरी कोशिश सिर्फ एक है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मनभर गाली दो।
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