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    मैसूरु भूमि घोटाला मामले को लेकर भाजपा ने कर्नाटक सरकार पर किया हमला, सिद्दरमैया बोले- मुझे विश्वास है कि न्याय मिलेगा

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 08:36 AM (IST)

    कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने मंगलवार को कहा कि उन्हें मैसुरु जमीन घोटाले में कोर्ट से न्याय मिलने का भरोसा है। इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उनकी पत्नी बीएम पार्वती आरोपित हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ पीठ ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले की सीबीआइ से जांच की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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    मैसूरु भूमि घोटाला मामले को लेकर भाजपा ने कर्नाटक सरकार पर किया हमला (फाइल फोटो)

    आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने मंगलवार को कहा कि उन्हें मैसुरु जमीन घोटाले में कोर्ट से न्याय मिलने का भरोसा है। इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उनकी पत्नी बीएम पार्वती आरोपित हैं।

    कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ पीठ ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले की सीबीआइ से जांच की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

    इस घटनाक्रम को लेकर किसी तरह की चिंता के बारे में पूछे जाने पर सिद्दरमैया ने कहा कि मुझे चिंता क्यों होनी चाहिए? मुझे कैसे पता चलेगा कि न्यायाधीश क्या फैसला सुनाएंगे? मुझे विश्वास है कि मुझे न्याय मिलेगा।

    ईडी द्वारा उनकी पत्नी पार्वती को जारी की गई नोटिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट ने नोटिस पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा जारी नोटिस और पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है।

    वहीं, कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश ने मंगलवार को मुडा घोटाले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और कहा कि उनकी और मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पत्नी की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।

    वहीं, मुडा घोटाले में जद एस विधायक जीटी देवेगौड़ा के खिलाफ मंगलवार को ईडी और कर्नाटक लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई गई है। विधायक के ऊपर आरोप है कि उन्होंने मुडा से अवैध रूप से 19 साइटें हासिल की हैं।

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    भाजपा ने उठाए सवाल

    एक अखबार में छपी खबर 'मुडा मामला: सिद्दरमैया को लोकायुक्त की क्लीन चिट?' को साझा करते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि लोकायुक्त की जांच एक दिखावा है और उनकी तरफ से प्रस्तुत रिपोर्ट महज सीएम सिद्दरमैया को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि यह लोकायुक्त की रिपोर्ट नहीं है, बल्कि सिद्दरमैया बचाओ रिपोर्ट है।

    क्या है पूरा मामला?

    मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA), कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इस एजेंसी का काम लोगों को किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है। मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी।

    50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50 प्रतिशत के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। हालांकि, 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था।

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