'ममता सरकार ने घुसपैठियों को दिए बैक डेट के दस्तावेज', SIR के बीच भाजपा का गंभीर आरोप
भाजपा ने चुनाव आयोग से बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण में सावधानी बरतने का आग्रह किया है। भाजपा का आरोप है कि ममता सरकार ने घुसपैठियों के लिए फर्जी दस्तावेज जारी किए हैं। पार्टी ने जन्म, निवास, वन अधिकार और जाति प्रमाणपत्रों की जांच में सतर्कता बरतने की मांग की है। 24 जून, 2025 के बाद जारी प्रमाणपत्रों को स्वीकार न करने का अनुरोध किया गया है।

भाजपा ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। भाजपा ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया में बेहद सावधानी बरतने का अनुरोध किया है। भाजपा ने दावा किया है कि ममता बनर्जी की अगुआई वाली सरकार ने घुसपैठियों के लिए बड़ी संख्या में फर्जी व पिछली तारीख वाले दस्तावेज जारी किए हैं।
पार्टी ने कहा कि विभिन्न फील्ड रिपोर्ट में इस बात के संकेत मिले हैं कि तृणमूल सरकार ने 2020 के बाद बड़ी संख्या में प्रमाणपत्र जारी किए हैं। जन्म प्रमाणपत्र, घर के स्थायी पते का प्रमाणपत्र, वन अधिकार प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, परिवार पंजी, भूमि व गृह आवंटन प्रमाणपत्र के मामलों में काफी सावधानी बरते जाने की जरुरत है।
घुसपैठियों को डॉक्यूमेंट जारी करने का आरोप
24 जून, 2025 के बाद जारी किए गए जन्म प्रमाणपत्र को एसआइआर के लिए स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। घर के स्थायी पते वाले प्रमाणपत्र को भी उसी सूरत में स्वीकार किया जाना चाहिए, अगर उसे ग्रुप-ए श्रेणी के अधिकारी ने जारी किया हो व उसपर उनके हस्ताक्षर हों। इसी तरह इस साल दो अप्रैल से पहले जारी किए गए वन अधिकार प्रमाणपत्रों को ही स्वीकार किया जाना चाहिए।
2011 से 2024 के दौरान जारी किए गए ओबीसी प्रमाणपत्रों को भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनमें से बहुत से घुसपैठियों को जारी किए गए थे। ओबीसी प्रमाणपत्र को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला भी लंबित है। 24 जून, 2025 के बाद की परिवार पंजी को भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

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