Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pran Kumar Sharma: कार्टूनिस्ट प्राण के कॉमिक जगत के वो किस्से... कम्प्यूटर से भी होशियार चाचा का गढ़ा किरदार

    By Anurag GuptaEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 05 Aug 2023 12:25 AM (IST)

    भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा की बदौलत ही चाचा चौधरी को ख्याति मिली थी। प्राण साहब ने एक दफा कहा था कि हर एक परिवार में कोई एक बुद्धिमान बुजुर्ग होता ही है जो अपने विवेक से एक परिहास भरे अंदाज में मुश्किलों को हल करवाते हैं और यही हास्य मेरे बनाए कार्टूनों की बुनियाद है।

    Hero Image
    प्राण ने ही 'चाचा चौधरी' कार्टून चरित्र बनाया (जागरण ग्राफिक्स)

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। रोजमर्रा के जीवन में भाग दौड़ के बीच जब बचपन की यादें ताजा करने का मौका मिलता है तो मानों ज़हन में एक अलग प्रकार सुकून घर कर लेता है। यूं तो हर किसी को 'सुपरहीरोज' काफी पसंद हैं, लेकिन टीवी जगत की दुनिया में दिखाई देने वाले सुपरहीरो असल जिंदगी में नहीं होते। हालांकि, हमारे बीच एक ऐसा किरदार गढ़ा गया था, जो बिल्कुल आम जीवन से ताल्लुक रखता था बहुत साधारण सा आदमी, ऐसा व्यक्ति हर किसी के घर में मौजूद हो सकता है, बस थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खैर, सुपरहीरो के नाम पर आप लोगों को 'सुपरमैन', 'स्पाइडरमैन', 'बैटमैन' या आयरन मैन रोमांचित करता होगा या फिर कोई और सुपरहीरो आपके ज़हन में होगा। कई बार आप लोग यह नादानियां भी करने लगते होंगे कि शायद इनकी सुपरपॉवर आपके अंदर समा गई है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है।

    मौजूदा समय में टीवी जगत के सुपरहीरोज की काफी चर्चा होती है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब हम कॉमिक की दुनिया में व्यस्त रहते थे और चर्चा हमज एक किरदार की ही होती थी, जिसका दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज चलता है। यह वो व्यक्ति हैं जिनके सामने बड़ी से बड़ी समस्याएं पैनी नजर आती हैं... जी, हां हम बात कर रहे हैं कॉमिक की दुनिया के शहंशाह चाचा चौधरी की, जिनके सामने अच्छे-अच्छों की नहीं चलती है।

    किसने गढ़ा था चाचा चौधरी का किरदार?

    भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा की बदौलत ही 'चाचा चौधरी' को ख्याति मिली थी। प्राण साहब ने एक दफा कहा था,

    हर एक परिवार में कोई एक बुद्धिमान बुजुर्ग होता ही है, जो अपने विवेक से एक परिहास भरे अंदाज में मुश्किलों को हल करवाते हैं और यही हास्य मेरे बनाए कार्टूनों की बुनियाद है।

    कौन हैं प्राण साहब?

    प्राण साहब का पूरा नाम प्राण कुमार शर्मा है। उनका जन्म 15 अगस्त 1938 को कसूर नामक कस्बे में हुआ था। यह कस्बा मौजूदा समय में पाकिस्तान में मौजूद है। उन्होंने मुंबई के सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से प्रशिक्षण लिया और फिर राजनीतिक विज्ञान और फाइल आर्ट्स में डिग्री हासिल की।

    प्राण साहब ने 1960 में कार्टून कैरेक्टर बनाने की शुरुआत की थी। हालांकि, उनके द्वारा गढ़े गए किरदार चाचा चौधरी और साबू को सबसे ज्यादा ख्याति मिली थी। जिसकी बदौलत उन्होंने इस पात्र के दम पर एक अलग कॉमिक पत्रिका की शुरुआत की।

    रोचक तथ्य:

    • प्राण साहब ने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मिलाप के लिए सर्वप्रथम कार्टून बनाया था।
    • 1960 के दौर में विदेशी कॉमिक्स का बोलबाला था। इसके बावजूद प्राण साहब ने स्थानीय विषयों पर कॉमिक्स के प्रति लोगों में रुझान पैदा किया।
    • सबसे शानदार बात बताएं तो उस दौर में जापान और अमेरिका की तुलना में भारत में कॉमिक्स बेहद कम पढ़ी जाती थी। इसके बावजूद लोगों के दिलो दिमाग में प्राण साहब ने 'चाचा चौधरी' जैसे किरदार के लिए जगह बनाई थी।
    • प्राण साहब के अलावा रघुवीर यादव की भी खूब सराहना होती है, क्योंकि कॉमिक्स को जब टीवी में उकेरा गया था तो चाचा चौधरी का किरदार रघुवीर यादव ने अदा किया था।
    • अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम ऑफ कार्टून आर्ट में प्राण साहब की बनाई कार्टून स्ट्रिप 'चाचा चौधरी' को रखा गया है।
    • एक दौर ऐसा था जब 'चाचा चौधरी' की कॉमिक्स हिंदी और अंग्रेजी के अलावा दस अलग-अलग भाषाओं में प्रकाशित होती थी।
    • प्राण साहब ने चाचा चौधरी के अलावा रमन, बिल्लू और श्रीमतीजी जैसे किरदार भी गढ़े हैं।
    • द वर्ल्ड एनसाइक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक्स में प्राण साहब को 'भारत का वॉल्ट डिज्नी' करार दिया गया है।

    चाचा चौधरी का किरदार आयरमैन, सुपरमैन की तरह हट्टा-कट्टा तो नहीं, लेकिन काम सुपरहीरोज से भी ज्यादा बेहतर है। वो एक बुद्धिमान बुजुर्ग व्यक्ति हैं, जिनके पास एक लड़की की छड़ी रहती है, जिसकी मदद से वो बदमाशों को पीटते हुए दिखाई देते हैं। हालांकि, चाचा चौधरी के साथ हट्टा कट्टा साबू भी रहता है, जिसे काबू कर पाना बेहद मुश्किल होता है।

    प्राण साहब का निधन 6 अगस्त, 2014 में कैंसर की वजह से हुआ था। उस वक्त उनकी उम्र 75 साल थी और उन्हें मरणोपरांत 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। हालांकि, प्राण साहब को उनके जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से नवाजा गया है।

    सम्मान

    • साल 1995 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में प्राण साहब का नाम दर्ज हुआ।
    • साल 2001 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स ने प्राण साहब को 'लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया।