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    Bird Flu Virus News Update: बर्ड फ्लू की स्थिति का जायजा लेने केरल पहुंची केंद्रीय टीम , 69 हजार से अधिक पक्षियों को मारा गया

    By TaniskEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jan 2021 03:51 PM (IST)

    देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने के बाद गुरुवार को तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में स्थिति का आकलन करने पहुंची है। बर्ड फ्लू को रोकने के लिए 69 हजार से अधिक पक्षियों को मार दिया गया।

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    केरल में बर्ड फ्लू का आउटब्रेक। (फोटो- एएनआइ)

    अलपुझा, पीटीआइ। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने के बाद गुरुवार को तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में स्थिति का आकलन करने पहुंची है। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. रुचि जैन, पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. शैलेश पवार और दिल्ली आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर डॉ. अनीथ जिंदल की टीम ने यहां कलेक्ट्रेट में जिला अधिकारियों के साथ मामले को लेकर चर्चा की। इसके बाद टीम फ्लू के हॉटस्पॉट में से एक, करुवत्त के लिए रवाना हो गई।

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    राज्य सरकार के अनुसार, बर्ड फ्लू के H5N8 स्ट्रेन को रोकने के लिए बुधवार तक, अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में 69 हजार से अधिक बत्तख और मुर्गी सहित पक्षियों को मार दिया गया। बर्ड फ्लू का आउटब्रेक शुरुआत में अलप्पुझा जिले के कुट्टनाड क्षेत्र में नेदुमुडी, थाकाझी, पल्लिप्पद और करुवत्त की चार पंचायतों और कोट्टायम जिले के नंदूर में बताया गया था। 19 रैपिड रिस्पांस टीमें दोनों जिलों में तैनात हैं। जिन क्षेत्रों में पक्षियों के संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें आज सैनेटाइज किया जाएगा।

    प्रभावित क्षेत्रों के एक किमी दायरे में पक्षियों को मारा जा रहा

    राज्य के पशुपालन मंत्री के. राजू ने कहा है कि H5N8 वायरस से अभी तक मनुष्यों के संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया। अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में पक्षी के मीट और अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। पक्षियों को मारने से प्रभावित किसानों को राज्य सरकार ने मुआवजा देने का एलान किया है। मंत्री ने कहा कि अलप्पुझा में बत्तखों और मुर्गी सहित 61,513 पक्षियों को मारा गया है, जबकि कोट्टायम में 7,729 को मारा गया है। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अलाप्पुझा और कोट्टायम जिलों में प्रभावित क्षेत्रों के एक किमी के दायरे में बत्तखों, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारा जा रहा है।