Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई मामले में सुनवाई 11 जुलाई तक टली
बिलकिस उस वक्त 21 साल की थी और पांच माह की गर्भवती भी थी जब गुजरात के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में उससे सामूहिक दुराचार हुआ था और तीन साल की उसकी बेटी सहित परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को गुजरात के बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई मामले में सुनवाई 11 जुलाई तक टल गई। इसकी वजह रही कि 11 दोषियों में से एक दोषी गायब है और उसे नोटिस ही वितरित नहीं हुआ है।
बिलकिस के गुनहगारों की समय पूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुनहगारों को 27 मार्च को नोटिस जारी किया था। जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने अब दोषी के लिए गुजराती, अंग्रेजी सहित स्थानीय अखबारों में पब्लिक नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
नोटिस के माध्यम से हिदायत दी जाएगी कि अगर दोषी अदालती कार्रवाई में शामिल नहीं होगा तो एक पक्षीय कार्रवाई होगी। पीठ ने कहा कि हम यह प्रक्रिया इसलिए अपना रहे हैं, ताकि सुनवाई की अगली तारीख पर समय न खराब हो और सुनवाई आगे बढ़ सके। शीर्ष अदालत ने दो मई को भी मामले की सुनवाई उस वक्त टाल दी थी, जब कुछ दोषियों के वकीलों ने नोटिस वितरित न होने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। वैसे सुनवाई की अगली तारीख यानी 11 जुलाई को इस मामले में नई पीठ गठित किए जाने की संभावना है, क्योंकि पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस जोसेफ 16 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
बिलकिस उस वक्त 21 साल की थी और पांच माह की गर्भवती भी थी, जब गुजरात के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में उससे सामूहिक दुराचार हुआ था और तीन साल की उसकी बेटी सहित परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।