Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब पंचायतों का काम भी होगा ऑनलाइन, हर योजना-कार्य की डिजिटल निगरानी; क्या है सरकार का प्लान

    By JITENDRA SHARMAEdited By: Garima Singh
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 06:45 PM (IST)

    बिहार सरकार पंचायतों के कामकाज को डिजिटल करने की तैयारी में है। सभी योजनाओं और कार्यों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा। यह पंचायतों को अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    Hero Image

    पंचायत कार्य अब ऑनलाइन होंगे

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। पंचायतों के कामकाज को पारदर्शी बनाने के प्रयासों के बीच पंचायतीराज मंत्रालय ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए यह लक्ष्य रखा है कि 2030 तक देश की अधिकांश ग्राम पंचायतें भू-स्थानिक योजना (जियोस्पाटियल प्लानिंग) शुरू कर दें। दावा किया गया है कि इससे कागजी हेरफेर से मुक्ति मिलेगी तो विकास योजनाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्यान्वयन की गति में वृद्धि और नागरिकों के लिए पारदर्शिता एवं सुविधा बढ़ेगी। पंचायतें सटीक जानकारी, तकनीकी सहायता और आधुनिक डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते हुए अधिक प्रभावी विकास योजनाएं बना सकेंगी।

    पंचायत कार्य अब ऑनलाइन होंगे

    जियोस्पाटियल विजन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को सटीक डिजिटल नक्शों, ड्रोन-आधारित सर्वे, सेटेलाइज इमेजरी, स्पाटियल डाटासेट और एआइ-मशीन लर्निंग आधारित विश्लेषण का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक तरीके से ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में सक्षम बनाया जाएगा।

    इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर विकसित ग्राम मानचित्र प्लेटफार्म को और अधिक मजबूत, उपयोगकर्ता के अनुकूल और बहुभाषी बनाया जा रहा है। ताकि पंचायतें एक क्लिक में अपने गांव की वास्तविक स्थिति को देख और समझ सकें।

    योजनाओं की डिजिटल निगरानी

    मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जियोस्पाटियल विजन के माध्यम से पंचायतों को गांव की भौगोलिक और भौतिक संपत्तियों का अपडेट और विश्वसनीय डिजिटल विवरण मिल जाएगा। सड़क, पानी, आवास, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और आजीविका जैसी योजनाओं की प्राथमिकताओं को वैज्ञानिक ढंग से निर्धारित करने की सुविधा मिलेगी।

    विकास कार्यों की रीयल टाइम निगरानी हो सकेगी। साथ ही स्वामित्व योजना से प्राप्त संपत्ति संबंधी डाटा का एकीकृत उपयोग, जैसे स्पष्ट रिकार्ड, विवाद समाधान और वित्तीय संस्थानों से सहायता प्राप्त करने में सुगमता होगी। योजनाओं के दोहराव को रोकने और संसाधनों के बेहतर उपयोग की क्षमता बढ़ेगी।

    सरकार का पारदर्शिता पर जोर

    दावा है कि जियोस्पाटियल प्लानिंग से यह स्पष्ट विवरण मिल सकेगा कि कहां सड़क चाहिए, कहां जल स्त्रोत कमजोर है, कहां बाढ़ या कटाव का जोखिम है और कौन सा इलाका विकास से पीछे है। चूंकि हर जानकारी डिजिटल रूप में होगी, इसलिए यह सब जनता भी देख सकेगी कि कहां क्या काम हुआ, कितना खर्च हुआ और उस योजना का कार्य का कितना प्रभाव रहा।

    पंचायतीराज मंत्रालय आने वाले वर्षों में लार्ज स्केल मैपिंग, स्टेट रिमोट सेंसिंग सेंटर के डाटा का एकीकरण, राज्य और जिला स्तर पर जियोस्पाटियल सेल की स्थापना की दिशा में काम कर रहा है। इस व्यवस्था को धरातल पर लागू करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशिक्षित कार्मिक, पंचायतों के लिए प्रमाणित जियोस्पाटियल पाठ्यक्रम की रूपरेखा भी बना रहा है।