DATA STORY: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन आठ सीटों पर थे सबसे करीबी मुकाबले
2015 में तरारी सीट पर सबसे कम अंतर से जीत-हार का फैसला तय हुआ था। 2015 में तरारी सीट पर सबसे कम अंतर से जीत-हार का फैसला हुआ था। इस सीट पर सीपीआई (एमएल) के सुदामा प्रसाद ने 272 मतों से जीत हासिल की थी।
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। कई दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बिहार के राजनीतिक दंगल में कौन किस पर भारी पड़ेगा, इसका फैसला तो नवंबर में होगा, पर कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर सबकी नजरें हैं। ये सीटें इसलिए चर्चा में हैं, क्योंकि पिछले चुनाव में यहां जबर्दस्त मुकाबला था और अंत में बेहद कम अंतर से जीत-हार का फैसला हुआ था। आइए जानते हैं ऐसी कुछ सीटों के बारे में-
तरारी - 272 मतों से जीते सुदामा प्रसाद
2015 में तरारी सीट पर सबसे कम अंतर से जीत-हार का फैसला तय हुआ था। 2015 में तरारी सीट पर सबसे कम अंतर से जीत-हार का फैसला हुआ था। इस सीट पर सीपीआई (एमएल) के सुदामा प्रसाद ने 272 मतों से जीत हासिल की थी। वैसे तो इस विधानसभा सीट पर कुल 14 खिलाड़ी उतरे थे, लेकिन बाजी मारी सुदामा प्रसाद ने। सुदामा को कुल पड़े वोटों का 28.80% मत मिला, जबकि गीता पांडेय को 28.60% वोट। सुदामा 44,050 वोट बटोरे तो एलजेपी की गीता ने 43,778 वोट।
शिवहर - 461 मतों से शर्फूद्दीन ने जीती सीट
2011 की जनगणना के अनुसार, शेखपुरा के बाद शिवहर बिहार का दूसरा सबसे कम आबादी वाला जिला है। इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड के शर्फूद्दीन ने हम पार्टी की उम्मीदवार लवली आनंद को 461 मतों से पराजित किया था। शर्फूद्दीन को 44,576 मत मिले थे, वहीं लवली को 44,115 मत।
चनपटिया- 464 मतों से प्रकाश राय ने मारी बाजी
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले की चनपटिया में बीजेपी के प्रकाश राय ने चुनावी दंगल में जनता दल यूनाइटेड के एन एन शाही को 464 मतों से हराया था। बीजेपी के प्रकाश राय को 61,304 मत हासिल हुए थे, वही एन एन शाही को 60840 वोट मिले थे।
बरौली- 504 मतों से जीती सीट
बरौली कस्बा बिहार के गोपालगंज जिले के अंतर्गत आता है। इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के मोहम्मद नेमतुल्लाह ने बीजेपी के रामप्रवेश राय को 504 मतों के अंतर से हराया था। राष्ट्रीय जनता दल के मोहम्मद नेमतुल्लाह को 61,690 और बीजेपी के रामप्रवेश राय को 61,186 वोट मिले थे। इस सीट पर 18 उम्मीदवार अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे थे।
आरा- 666 मतों से जीते नवाज आलम
आरा सीट पर 12 उम्मीदवार राजनीतिक दंगल में थे। इस सीट पर 666 मतों से नवाज आलम जीते थे। नवाज आलम और अमरेंद्र प्रताप के बीच तगड़ा मुकाबला था। अंत में राष्ट्रीय जनता दल के मोहम्मद नवाज आलम को फतह मिली। आलम को 70,004 वोट और अमरेंद्र प्रताप को 69, 338 मत मिले।
चैनपुर- 671 मतों से जीते बृजकिशोर बिंद
चैनपुर गांव सहरसा जिले के अंतर्गत आता है। इस सीट पर बीजेपी के बृजकिशोर बिंद ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद जमा खान को 671 वोट से हराया था। बृजकिशोर बिंद को 58,913 मत मिले थे, वहीं मोहम्मद जमा खान को 58242 वोट हासिल हुए थे।
वनमनखी-708 मतों से मिली जीत
वनमनखी कस्बा पूर्णिया जिले के अंतर्गत आता है। पहले यह जगह सुगर मिल के लिए मशहूर थी, पर अब मवेशियों के लिए प्रसिद्ध है। बीजेपी के कृष्ण कुमार ऋषि ने आरजेडी के संजीव पासवान को 708 वोटों से हराया था। ऋषि को 59,053 वोट मिले थे, वहीं पासवान को 58,345 वोट मिले थे। इस सीट पर 18 उम्मीदवार राजनीतिक दंगल में थे।
झंझारपुर- 834 वोट से जीती गुलाब यादव ने थी सीट
झंझारपुर बिहार के मधुबनी जिले के अंतर्गत आता है। इस सीट पर आरजेडी के गुलाब यादव ने बीजेपी के नीतीश मिश्रा को हराया था। गुलाब यादव को 64,320 वोट मिले थे, वहीं नीतीश मिश्रा को 63,486 वोट हासिल हुए थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।