उड्डयन सेक्टर में नई नौकरियों के खुलेंगे बड़े अवसर, एयर इंडिया के 470 विमानों के लिए चाहिए 6500 पायलट
एयर इंडिया की तरफ से जिन 470 विमानों की खरीद की गई उसके लिए ही 6500 पायलटों की जरूरत होगी। जबकि दूसरी एयरलाइनों की तरफ से जल्द ही 700 और नये विमानों क ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। कोरोना महामारी एयरलाइन कंपनियों पर भारी गुजरा था। तकरीबन हर कंपनी ने बड़े पैमाने पर नौकरियों में छंटनी की थी। अब हालात बदलने के संकेत मिलने शुरु हो गये हैं। इस हफ्ते मंगलवार को एयर इंडिया की तरफ से जिन 470 विमानों की खरीद की गई है सिर्फ उनके लिए ही 6500 पायलटों की जरूरत होगी।
बड़े ऑर्डर की तैयारी में एयरलाइंस
देश की दूसरी एयरलाइनों की तरफ से जल्द ही 700 और नये विमानों के ऑर्डर दिए जाने के आसार हैं। नये विमानों की खरीद के साथ ही दिसंबर, 2022 में देश में 21 ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने का फैसला किया गया है और आम बजट 2023-24 में 50 पुराने एयरपोर्ट के उन्नयन का घोषणा की गई है। इसकी वजह से भी एविएशन सेक्टर देश में नये रोजगार देने वाला एक बड़ा सेक्टर बन कर उभरने की स्थिति में है।
एयर इंडिया के सूत्रों का कहना है कि लंबी दूरी में इस्तेमाल के लिए जो 40 एयरबस विमानों का ऑर्डर दिया गया है, उनमें से प्रत्येक विमान के लिए 30 पायलटों की जरूरत होगी। जबकि बोइंग-777 मॉडल के 10 विमानों में प्रत्येक के लिए 26 चालकों की नियुक्ति करनी होगी।
इसी तरह से 20 बोइंग-787 में हर विमान को 20 पायलट चाहिए। ये तो हुई लंबी दूरी तय करने वाले विमानों की बात जहां तक नैरो बॉडी (कम दूरी में परिचालन करने वाले) विमानों की बात है तो इसमें हर विमान के लिए औसतन 12 पायलट चाहिए।
नए विमानों के लिए 4800 पायलटों की होगी जरूरत
एयर इंडिया एयरबस और बोइंग से इस श्रेणी की कुल 400 विमान खरीद रही है, तो इस हिसाब से इनके लिए 4800 पायलट चाहिए। इतनी बड़ी तादाद में पायलटों की जरूरत को देखकर ही एयर इंडिया ने एक नया पायलट ट्रेनिंग संस्थान खोलने का ऐलान किया है। एयर एशिया के पूर्व सीईओ सुनील भास्करण को इसका प्रमुख बनाया गया है।
देश को 15 वर्षों में 2000 नए विमानों की होगी जरूरत
पायलटों के अलावा बड़ी संख्या में इंजीनियरों और मेनटेंनेंस स्टाफ की भी जरूरत होगी। दूसरी एयरलाइनें भी जो नये विमान खरीद रही हैं उनमें भी पायलट और दूसरे स्टाफों की इसी तरह से जरूरत होगी। एयर इंडिया और एयरबस के समझौते के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत को अगले 15 वर्षों में दो हजार नये विमानों की जरूरत होगी।
एयर इंडिया का ही बोइंग व एयरबस से जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक, कंपनी 470 नये विमानों के अलावा आगे 370 विमानों की खरीद और कर सकती है। एविएशन सेक्टर में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी पिछले साल एक आकलन संसदीय समिति के समक्ष पेश किया था।
इसमें बताया गया था कि अभी एविएशन सेक्टर में 2.5 लाख लोगों को नौकरियां मिली हुई हैं और अगले 30 महीनों में 1.5 लाख नौकरियां और मिलेंगी। इसमें पायलट से लेकर ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ, इंजीनियर्स, प्रशासनिक, सुरक्षा, बिक्री, एयर-होस्टेस समेत तमाम दूसरे रोजगार के अवसर खुलेंगे। ऊपर हमने सिर्फ प्रत्यक्ष रोजगार के आंकड़े दिए हैं।
एविएशन सेक्टर में जितनी नौकरियां प्रत्यक्ष तौर पर मिलती हैं उससे दोगुनी नौकरियां परोक्ष तौर पर मिलती हैं। यह भी बताते चलें कि भारत में जितनी तेजी से एविएशन सेक्टर का विकास सरकार व निजी क्षेत्र की वजह से हो रहा है वैसा दुनिया के और किसी भी दूसरे सेक्टर में नहीं देखा जा रहा है। दिसंबर, 2022 में संसद में सरकार ने बताया था कि पांच वर्षों में एयरपोर्ट विकास पर 98 हजार करोड़ रुपये निवेश होगा।

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