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    जम्मू-कश्मीरः विदेश से मिले धन से ऐश करते हैं कश्मीरी अलगाववादी

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Mon, 17 Jun 2019 11:53 AM (IST)

    terror funding case. टेरर फंडिंग मामले में आसिया अंद्राबी और मसरत आलम का बड़ा खुलासा किया है। ...और पढ़ें

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    जम्मू-कश्मीरः विदेश से मिले धन से ऐश करते हैं कश्मीरी अलगाववादी

    नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। कश्मीर में युवाओं को भड़काकर घाटी का चैन छीनने वाले अलगववादी नेता खुद विदेश से मिले धन से ऐशो-आराम और सुख-चैन की जिंदगी जीते हैं। उन्होंने न सिर्फ उस धन से निजी संपत्ति बनाई है, बल्कि अपने बच्चों को विदेशों में भेजकर ऊंची तालीम भी दिला रहे हैं। अलगाववादियों से पूछताछ के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने यह जानकारी दी है।

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    कश्मीर घाटी में युवाओं को भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में एनआइए ने अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, यासिन मलिक, आसिया अंद्राबी, पत्थरबाजों के पोस्टर बॉय मसरत आलम और हवाला एजेंट जहूर वटाली को गिरफ्तार किया है। एनआइए के मुताबिक मुस्लीम लीग के नेता मसरत आलम ने पूछताछ में बताया कि हवाला एजेंटों के जरिए पाकिस्तान से हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन सैयद शाह गिलानी समेत अलगाववादी नेताओं को धन मिलता है। यही कारण है कि गिलानी समेत अलगाववादी नेता जम्मू-कश्मीर का पाकिस्तान में विलय की वकालत करते हैं।

    मसरत के मुताबिक विदेश से धन एकत्र करने और उसके इस्तेमाल को लेकर हुर्रियत कांफ्रेंस में दरार भी है।एनआइए ने रविवार को जारी बयान में कहा है कि विदेश से मिले धन से आसिया आंद्राबी कश्मीर घाटी में मुस्लिम महिलाओं के जरिए विरोध प्रदर्शनों का आयोजन करती थी। यही नहीं, आसिया ने वटाली से मिले धन से अपने बेटे मोहम्मद बिन कासिम को मलयेशिया के एक विश्वविद्यालय में दाखिला भी कराया है। अब एजेंसी ने कासिम के बैंक खातों के बारे में पता लगाने के लिए संबंधित विभाग से संपर्क किया है।

    अलगाववादी और कट्टरपंथी नेता शब्बीर शाह ने हवाला के जरिए विदेश से मिले धन से पहलगाम में अपने लिए होटल खोल लिया। जम्मू, श्रीनगर और अनंतनाग भी निजी संपत्ति बनाई है। हवाला के जरिए धन लेकर घाटी में अशांति पैदा करने के मामले में एनआइए ने मई, 2017 में जमात-उद-दावा, दुख्तरान-ए-मिलत, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन और अलगाववादी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था।

    एनआइए के मुताबिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता यासिन मलिक ने माना है कि उन्होंने हुर्रियत कांफ्रेंस के विभिन्न धड़ों को साथ लाकर ज्वाइंट रेसिस्टेंट लीडरशिप (जेआरएल) का गठन किया है। यही समूह 2016 से कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन कर बंद कराता रहा है। मलिक ने यह भी बताया कि जेआरएल और हुर्रियत कांफ्रेंस विदेशों से धन लेकर घाटी में बंद और ¨हसक विरोध प्रदर्शनों का आयोजन करते हैं। 

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