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    GST Scam: एमपी जीएसटी घोटाले में बड़ा खुलासा, फेक बिल से हो रहा था बिजनेस; ऐसे लगाया जा रहा था सरकार को चूना

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 05:55 PM (IST)

    मध्य प्रदेश सहित चार राज्यों में 130 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। जांच में पता चला है कि चोरी के कोयले के कारोबार के लिए फर्जी बिलिंग की जा रही थी। ईओडब्ल्यू ने बिलासपुर से कोयला कारोबारी शेख जफर को गिरफ्तार किया है। सीमेंट की जीएसटी चोरी में ठेकेदार फर्जी बिल लेकर सीमेंट उपयोग करना दिखाते थे।

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    चोरी के काेयले की फर्जी बिलिंग दिखाकर किया जा रहा था कारोबार। (फाइल फोटो)

    जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश सहित चार राज्यों में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के रूप में 130 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी में बड़ी जानकारी सामने आई है। गिरफ्तार आरोपितों ने पूछताछ में बताया है कि चोरी के कोयले का कारोबार करने के लिए फर्जी बिलिंग की जा रही थी।

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    मामले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू की टीम ने बिलासपुर से कोयला कारोबारी शेख जफर को गिरफ्तार भी किया है। इसी तरह से सीमेंट की जीएसटी चोरी में पता चला है कि निर्माण कार्यों में ठेकेदार फर्जी बिल लेकर मापदंड के अनुसार सीमेंट उपयोग करना दिखाते थे।

    जांच एजेंसी के निशान पर कई बड़े अधिकारी

    जांच एजेंसी के निशाने पर सीमेंट, कोयला और स्टील के कई बड़े कारोबारी हैं। यह गड़बड़ी वर्ष 2018 से प्रारंभ हुई थी। फर्जीवाड़े का नेटवर्क मध्य प्रदेश के अतिरिक्त छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र में फैल चुका है।

    फर्जी बिलों से कारोबार का आरोप

    ईओडब्ल्यू की टीम ने सबसे पहले झारखंड के रांची से जबलपुर के रहने वाले विनोद सहाय को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के आधार पर बिलासपुर से शेख जफर और भोपाल से राजा शेख को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन दोनों ने विनोद सहाय के कहने पर फर्जी फर्म बनाकर कारोबार दिखाया था। अभी तक मिले 512 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों में से अधिकतर सीमेंट, कोयला और स्टील कारोबार के हैं।

    बड़े कारोबारी कर रहे थे गड़बड़ी

    आरोपितों ने फर्जी (बोगस) कंपनियां बनाकर इनवाइस तैयार की थी। इन इनवाइस से कई बड़े कारोबारी व ठेकेदार गड़बड़ी कर रहे थे। ईओडब्ल्यू की जांच टीम यह भी पता करने में जुटी है कि इसमें वाणिज्यिक कर या अन्य किसी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं है। बता दें कि जीएसटी चोरी को लेकर यह अब तक का सबसे बड़ा राजफाश है।

    विभाग की तरफ से जीएसटी चोरी के प्रकरण पकड़े जा रहे थे, पर इस तरह संगठित गिरोह के माध्यम से फर्जीवाड़ा पहली बार सामने आया है। वाणिज्यिक कर विभाग जबलपुर के सहायक आयुक्त की सूचना पर जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने इसी माह प्रकरण पंजीबद्ध किया था।

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