BHU में महिला महाविद्यालय की छात्रा की हृदयाघात से मृत्यु, सड़क पर छात्राओं का प्रदर्शन
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक छात्रा की हृदय गति रुकने से दुखद मौत हो गई। इस घटना के बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और परिसर में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की मांग की, उनका कहना है कि समय पर उचित चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण छात्रा की जान गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने का आश्वासन दिया है।

बीएचयू में छात्रा की ह्रदयाघात से मौत होने के बाद परिसर में गहमागहमी का माहौल है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय (एमएमवी) की एक छात्रा की हृदयाघात से हुई आकस्मिक मृत्यु ने विश्वविद्यालय परिसर में शोक की लहर दौड़ा दी है। छात्रा की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उसे समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल सकी, जिससे उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
वहीं दोपहर बाद आक्रोशित छात्राओं ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्राओं की मांग है कि बीमारी की स्थिति में समय से इलाज उनको उपलब्ध कराया जाए।
बीएचयू महिला महाविद्यालय के स्वस्तिकुंज छात्रावास के कमरा नंबर 66 में रहने वाली प्राची सिंह जो एआइएचसी बीए दूसरे वर्ष की छात्रा थी वह गुरुवार की सुबह अपनी क्लास में जा रही थी। बॉटनी विभाग के समीप सुबह बेहोश होकर अचानक गिर गई, वहां से उसे एंबुलेंस द्वारा सर सुंदरलाल चिकित्सालय के आपात चिकित्सा कक्ष में लाया गया।
इलाज के दौरान प्रात लगभग 9:30 बजे उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस की सूचना पर परिजन दोपहर बाद परिसर में पहुंच गए। वहीं दूसरी ओर शव को पुलिस द्वारा मोर्चरी हाउस में रखवाया गया है। इस मामले में छात्राओं द्वारा इलाज में लापरवाही को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया है।
इस दुखद घटना के बाद, विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने गहरा शोक व्यक्त किया और प्रशासन से आवश्यक कदम उठाने की मांग की। छात्रों का मानना है कि यदि परिसर में प्रारंभिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होतीं, तो शायद छात्रा की जान बचाई जा सकती थी।
बीएचयू के छात्र उत्कर्ष श्रीवास्तव ने कुलपति महोदय से अनुरोध किया है कि विश्वविद्यालय के सभी संकायों और परिसरों - जैसे एमएमवी, वीकेएम, एएमपीजी, डीएवी, वीकेएम और आरजीएससी - में प्राथमिक चिकित्सा के लिए विशेष कक्षों की व्यवस्था की जाए।
इसके साथ ही, वहां आवश्यक चिकित्सकीय संसाधनों और डाक्टरों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में छात्रों को त्वरित उपचार मिल सके। छात्रों ने कहा कि यह पहल न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी किसी भी त्रासदी को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगी।
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