भोपाल गैस त्रासदी: यूनियन कार्बाइड कचरा निपटान मामले में SC का दखल से इनकार, पढ़ें क्या कहा?
भोपाल गैस त्रासदी के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इस मामले को एमपी हाईकोर्ट देख रहा है। साथ ही याचिका खारिज हो गई है। पीठ ने कहा कि एनजीआरआई और सीपीसीबी के विशेषज्ञों ने मुद्दों पर अपने विचार दिए हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी से उत्पन्न यूनियन कार्बाइड के खतरनाक टॉक्सिक वेस्ट को मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर क्षेत्र में ट्रांसफर करने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ ने यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट से निकलने वाले कचरे के निपटान के गुरुवार के ट्रायल रन पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया।
हाई कोर्ट के साथ विशेषज्ञ पैनल ने भी किए विचार
पीठ ने कहा कि नीरी, एनजीआरआई और सीपीसीबी के विशेषज्ञों ने मुद्दों पर अपने विचार दिए हैं, जिन पर हाई कोर्ट के साथ-साथ विशेषज्ञ पैनल ने भी विचार किया था। पीठ ने नागरिक समाज के सदस्यों सहित पीड़ित पक्षों से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा, जो इस मामले पर विचार कर रहा है।
दो दिन पहले कोर्ट का आदेश
25 फरवरी को टॉप अदालत ने अधिकारियों से कचरे के निपटान के लिए बरती गई सावधानियों के बारे में उसे अवगत कराने को कहा था। अब बंद हो चुकी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से करीब 377 टन खतरनाक कचरे को एक संयंत्र में निपटान के लिए भोपाल से करीब 250 किलोमीटर और इंदौर से 30 किलोमीटर दूर पीथमपुर इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में ट्रांसफर किया गया था।
2-3 दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से अत्यधिक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) लीक हुई थी, जिससे 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और पांच लाख से ज्यादा लोग अपंग हो गए थे। इसे दुनिया की सबसे भयानक इंडस्ट्रीयल डिजास्टर में से एक माना जाता है।
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