भोपाल एम्स के ब्लड बैंक से प्लाज्मा की चोरी, कर्मचारी की करतूत CCTV में कैद
एम्स दिल्ली के ब्लड बैंक से आउटसोर्स कर्मचारी अंकित केलकर द्वारा प्लाज्मा चोरी करने का मामला सामने आया है। सीसीटीवी में कैद होने के बाद शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपित ने डेढ़ महीने में 20 से अधिक यूनिट प्लाज्मा चोरी की। आशंका है कि यह गिरोह भोपाल और आसपास के निजी अस्पतालों में प्लाज्मा बेचता था। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी फरार है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ब्लड बैंक में आउटसोर्स कर्मचारी अंकित केलकर द्वारा प्लाज्मा चोरी करने की घटना सामने आई है। अंकित प्लाज्मा चुराते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हुआ है।
रिकॉर्ड के आधार पर प्रबंधन की शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपित डेढ़ महीने में ब्लड बैंक से 20 से अधिक यूनिट प्लाज्मा चोरी कर चुका है। इससे आशंका जताई जा रही है कि शहर में खून की कालाबाजारी करने वाला कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है। संदेह है कि अंकित केलकर साथियों के साथ मिलकर प्लाज्मा भोपाल और आसपास के निजी अस्पतालों में मोटी कीमत पर बेचता था।
आरोपी के बैग से प्लाज्मा बरामद
अंकित को सुरक्षाकर्मियों ने शक के आधार पर 28 सितंबर को रोका था। उसके बैग से प्लाज्मा यूनिट मिले थे। इसी दौरान वह फरार हो गया। घटना के बाद प्रबंधन ने पुलिस में एफआइआर दर्ज करा दी है। आरोपित फरार है। घटना ने एम्स की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्लाज्मा की कालाबाजारी कई मामले आए
बता दें कि प्रदेश में प्लाज्मा की कालाबाजारी के कई मामले सामने आ चुके हैं। ग्वालियर में अजय त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो अस्पतालों में मिलावटी प्लाज्मा सप्लाई करता था। इसी तरह इंदौर में प्लाज्मा के लिए मनमाने दाम वसूलने का मामला सामने आया था।
क्या होता है प्लाज्मा?
प्लाज्मा रक्त का तरल हिस्सा होता है, जो हल्के पीले रंग का दिखाई देता है। रक्त का लगभग 55 प्रतिशत भाग प्लाज्मा होता है। इसमें करीब 90 प्रतिशत पानी, प्रोटीन, हार्मोन और एंजाइम मौजूद रहते हैं। प्लाज्मा की आवश्यकता दुर्घटना में घायलों को, बड़ी सर्जरी, लिवर रोग, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में होती है। यही वजह है कि इसे जीवनरक्षक माना जाता है।
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