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    Bhartiya Nyay Sanhita: मनी लॉन्ड्रिंग पर अब उम्र कैद तक की सजा, पेपर लीक और ATM चोरी के लिए बनेगी नई 'धारा'

    By Mahen KhannaEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 14 Aug 2023 09:10 AM (IST)

    Bhartiya Nyay Sanhita आईपीसी की जगह लेने वाले प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता कानून में कई ऐसी धाराएं शामिल की गई हैं जिसका प्रावधान करने के लिए कई सालों से मांग उठ रही थी। उसी में शामिल है पेपर लीक और अपहरण जैसे अपराध के लिए अलग धारा का होना। इसी के साथ अब मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन करने पर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।

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    Bhartiya Nyay Sanhita: आईपीसी को बदलने वाले बीएनएस में नए प्रावधान।

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Bhartiya Nyay Sanhita ब्रिटिश काल से लागू भारतीय दंड संहिता (IPC) को केंद्र सरकार बदलने जा रही है। इसके लिए गृह मंत्री ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) विधेयक को लोकसभा में पेश किया है। विधेयक के पेश होने के बाद से उसमें मौजूद कई नई धाराओं के शामिल होने की बात सामने आ रही है, जो न केवल आम नागरिक के लिए फायदेमंद है, बल्कि पुलिस को भी राहत देगी।

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    आईपीसी की जगह लेने वाले प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता कानून में कई ऐसी धाराएं शामिल की गई हैं, जिसका प्रावधान करने के लिए कई सालों से मांग उठ रही थी। उसी में शामिल है, पेपर लीक और अपहरण जैसे अपराध के लिए अलग धारा का होना।

    पेपर लीक, ATM चोरी करने पर 7 साल तक कैद

    अब एटीएम चोरी, प्रश्न पत्र लीक करना (पेपर लीक), दुकान में चोरी, कार चोरी और कार से कीमती सामान चुराना जैसे संगठित अपराधों को इस नए प्रस्तावित कानून में शामिल किया गया है। इसके लिए विशिष्ट धारा बनाई गई है, जिसमें दोषी को जुर्माने के साथ एक से 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

    IPC में नहीं है इन अपराधों के लिए कोई प्रावधान

    फिलहाल, आईपीसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो विशेष रूप से इन अपराधों से निपटता हो। अक्सर उन्हें धारा 378 के तहत 'चोरी' के व्यापक शीर्षक के तहत वर्गीकृत किया जाता है। बीएनएस के माध्यम से दंडात्मक अपराधों का एक और महत्वपूर्ण संहिताकरण महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों को शामिल करेगा। 

    मकोका के 1999 में अधिनियमित होने के बाद महाराष्ट्र में खासकर मुंबई में इन अपराध सिंडिकेट पर कड़ा प्रहार किया गया। हालांकि, यह एक राज्य द्वारा अधिनियमित कानून था, कई अन्य राज्यों ने या तो इस अधिनियम को अपनाया है या मकोका की तर्ज पर कानून बनाए हैं।

    बीएनएस में धारा 109 से डकैती, चोरी पर लगाम

    BNS में सरकार ने आईपीसी की इस विसंगति का ध्यान रखा और उन प्रावधानों को पूरे भारत में लागू करने का इरादा किया जो अधिकारियों को संगठित अपराध से निपटने में मदद करेंगे। बीएनएस की धारा 109 प्रदान के तहत अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि पर कब्जा, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, आर्थिक अपराध, गंभीर परिणाम वाले साइबर अपराध, मानव तस्करी, ड्रग्स, अवैध सामान या सेवाओं और हथियारों सहित कोई भी गैरकानूनी गतिविधि को परिभाषित किया गया है। 

    इस धारा के तहत कई अन्य अपराध भी शामिल किए गए हैं और उन्हें परिभाषित किया गया है, जो नीचे बताए गए हैं......

    • वेश्यावृत्ति के लिए मानव तस्करी का रैकेट
    • हिंसा 
    • हिंसा की धमकी 
    • भ्रष्टाचार या संबंधित गतिविधियां 
    • वित्तीय या भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए गैरकानूनी साधन
    • पोंजी योजनाएं चलाना
    • मूल्यवान प्रतिभूतियों की जालसाजी

    संगठित अपराध सिंडिकेट की नई परिभाषा

    बीएनएस में 'संगठित अपराध सिंडिकेट' को परिभाषित किया गया है, जिसका अर्थ है एक आपराधिक संगठन या तीन या अधिक व्यक्तियों का समूह, जो सामूहिक रूप से एक सिंडिकेट, गिरोह, माफिया या गिरोह के रूप में एक या अधिक गंभीर कृत्यों में लिप्त होते हैं। 

    मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन पर उम्र कैद तक की सजा

    इस धारा में आर्थिक अपराध भी शामिल हैं, जिनमें आपराधिक विश्वासघात भी शामिल है। जालसाजी, वित्तीय घोटाले, बड़े पैमाने पर विपणन धोखाधड़ी या बहु-स्तरीय विपणन योजनाएं मौद्रिक लाभ प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को धोखा देने या किसी भी रूप में बड़े पैमाने पर संगठित सट्टेबाजी, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन को भी इसमें शामिल किया गया है।

    प्रावधान में इस धारा के तहत दोषियों को न्यूनतम पांच साल की जेल की सजा का प्रस्ताव है और जिसे कम से कम 5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

    छीना-झपटी और टिकटों की अवैध बिक्री के लिए भी प्रावधान

    एटीएम चोरी और प्रश्नपत्रों के लीक होने को अक्सर आईपीसी की धारा 378 के तहत 'चोरी' के व्यापक शीर्षक के अंतर्गत रखा गया है। चोरियां, जो सूर्यास्त के बाद घर में तोड़-फोड़ होती हैं, आईपीसी की धारा 446 के तहत आती हैं। 

    बीएनएस की धारा 110 के अनुसार, अब कोई भी अपराध जो वाहन की चोरी या वाहन से चोरी, घरेलू और व्यावसायिक चोरी, कार्गो अपराध से संबंधित नागरिकों के बीच असुरक्षा की सामान्य भावना पैदा करता है, वो इस धारा में परिभाषित होगा।

    इसके अलावा संगठित जेबकतरे, छीना-झपटी, दुकान से चोरी या कार्ड स्किमिंग और एटीएम चोरी या सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में गैरकानूनी तरीके से धन प्राप्त करना या टिकटों की अवैध बिक्री और परीक्षा प्रश्नपत्रों की बिक्री और संगठित अपराध के ऐसे अन्य सामान्य रूप जो संगठित आपराधिक समूहों द्वारा किए जाते हैं, वो इसमें शामिल होंगे। इसमें दोषी पाए जाने वालों को जुर्माने के अलावा एक से सात साल तक की कैद की सजा दी जाती है।