Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bharatiya Nyaya Sanhita Bill 2023: फर्जी खबर फैलाने वालों की खैर नहीं, अब होगी तीन साल की जेल

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sat, 12 Aug 2023 11:53 AM (IST)

    फर्जी खबरें और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों की अब खैर नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से लोकसभा में पेश भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 में इसके लिए खास प्रावधान किया गया है। नए बिल के मुताबिक अब फर्जी खबरें फैलाने वालों को तीन साल की जेल जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह लेगा।

    Hero Image
    Bharatiya Nyaya Sanhita Bill 2023: फर्जी खबरें फैलाने पर होगी तीन साल की जेल, जुर्माना

    नई दिल्ली, एनआई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita Bill 2023) पेश किया। इस विधेयक में धारा 195 के तहत भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली 'फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी' फैलाने वालों को तीन साल तक की कैद की सजा देने का प्रावधान है। विधेयक को समीक्षा के लिए स्थायी समिति को भेजा गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धारा 195 (1) डी क्या है?

    धारा 195 (1) डी में लिखा है, "भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी कोई देता है या प्रकाशित करता है, उसे तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जाएगा।"

    यह अनुभाग नए प्रस्तावित बिल के अध्याय 11 के तहत 'सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराधों' के तहत 'राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोपों, दावों' के तहत शामिल है। 'राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप, दावे' से संबंधित प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी के तहत थी।

    गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किए तीन विधेयक

    गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (11 जुलाई) को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए, जिनका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को न्याय देना और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा करना है। विधेयक पेश करते समय शाह ने कहा,

    तीन विधेयक- भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय सुरक्षा विधेयक, 2023- गुलामी के सभी लक्षणों को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में उल्लिखित प्रतिज्ञा को पूरा करते हैं। यह विधेयक अंग्रेजों द्वारा बनाए गए भारतीय दंड संहिता, 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, (1898), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को खत्म कर देगा।

    भारतीय दंड संहिता की जगह लेगा न्याय संहिता विधेयक

    शाह ने कहा कि भारतीय दंड संहिता, 1860 को भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023; आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1898 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।

    comedy show banner
    comedy show banner