Bharat Bandh 2022 Updates: जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर आज भारत बंद
Bharat Bandh 2022 Latest News: बीजेपी की सहयोगी जनता दल-यूनाइटेड समेत कई पार्टियां देश में जाति आधारित जनगणना की मांग कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना सरकार को समाज के विभिन्न वर्गों के विकास के लिए काम करने में सक्षम बनाएगी।
Bharat Bandh 2022 Latest LIVE News: अखिल भारतीय पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (BAMCEF) ने जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जाति आधारित जनगणना नहीं करने के लिए केंद्र के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया गया है। फेडरेशन निजी क्षेत्र में एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण की भी मांग कर रहा है।
बिहार में जाति जनगणना को लेकर होगी बैठक- शिक्षा मंत्री
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार में जाति आधारित जनगणना को राज्य सरकार के माध्यम से कराने के विमर्श से एक जून को सर्वदलीय बैठक की जाएगी। सभी दलों से इस बारे में परामर्श भी किया गया है। ये बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी।
कई पार्टियों ने दिया जाति आधारित जनगणना की मांग को समर्थन
बीजेपी की सहयोगी जनता दल-यूनाइटेड समेत कई पार्टियां देश में जाति आधारित जनगणना की मांग कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना सरकार को समाज के विभिन्न वर्गों के विकास के लिए काम करने में सक्षम बनाएगी।
प्रमुख मांगों में 'श्रम अधिकारों की सुरक्षा भी शामिल'
अन्य प्रमुख मांगों में ओडिशा और मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण में एक अलग मतदाता का कार्यान्वयन, पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करना, श्रम अधिकारों की सुरक्षा और आदिवासी लोगों का विस्थापन नहीं करना शामिल है।
संगठनों की मांगों में शामिल हैं ये मुद्दे :
- ओबीसी की जाति आधारित जनगणना
- चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल को खत्म करना
- एससी/एसटी/ओबीसी के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण
- एनआरसी/सीएए/एनपीआर को लागू न करना
- टीकाकरण को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा
- किसानों को एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली
- मध्य प्रदेश और ओडिशा पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में पृथक निर्वाचक मंडल
- पर्यावरण संरक्षण के नाम पर होने वाले विस्थापन से आदिवासी आबादी का संरक्षण
- कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बने श्रम कानूनों से श्रमिकों की सुरक्षा