Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'पूर्वाग्रहों के आधार पर RSS के प्रति राय न बनाएं युवा', मोहन भागवत बोले- डिजिटल स्त्रोतों पर संघ की जानकारी अधूरी

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 07:10 AM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को असम और पूर्वोत्तर के युवाओं से संगठन के बारे में पूर्वाग्रहों या प्रेरित प्रचार के आधार पर राय न बनाने की अपील की।  

    Hero Image

    भागवत ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मंचों और डिजिटल स्त्रोतों पर आरएसएस के बारे में जानकारी अधूरी (फाइल फोटो)

    पीटीआई, गुवाहाटी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को असम और पूर्वोत्तर के युवाओं से संगठन के बारे में पूर्वाग्रहों या प्रेरित प्रचार के आधार पर राय न बनाने की अपील की।

    राज्य की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन युवा नेतृत्व सम्मेलन को संबोधित करते हुए भागवत ने आरएसएस के सिद्धांतों, आदर्शों और कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। कहा कि आरएसएस अब सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गया है, लेकिन ये चर्चाएं तथ्यात्मक जानकारी पर आधारित होनी चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों और डिजिटल स्त्रोतों के जरिये संघ के बारे में 50 प्रतिशत से अधिक जानकारी या तो गलत है या अधूरी है। उन्होंने विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा आरएसएस के खिलाफ जानबूझकर गलत सूचना अभियान चलाने का आरोप लगाया।

    उन्होंने कहा कि संघ का प्राथमिक उद्देश्य भारत को 'विश्वगुरु' बनाना है। राष्ट्र का उत्थान तभी हो सकता है, जब समाज का उत्थान हो। उन्होंने युवाओं से विकसित देशों के इतिहास का अध्ययन करने का आग्रह किया।

    अध्ययन कर वे पाएंगे कि उनके विकास के पहले सौ वर्ष उनके समाजों में एकता और गुणात्मक शक्ति के निर्माण पर केंद्रित थे। भारतीय समाज को भी इसी तरह विकसित होने की आवश्यकता है।

    भागवत ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में भारत की महानता भाषाई, क्षेत्रीय और आस्था आधारित विविधताओं का सम्मान करने और उन्हें स्वीकार करने की उसकी दीर्घकालिक परंपरा में निहित है। विविधता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग भारत से अलग हुए उन्होंने अंतत: अपनी परंपराओं को खो दिया। दावा किया कि हिंदू विविधता का सम्मान करते हैं और ऐसे समाज का निर्माण करना आरएसएस का प्राथमिक उद्देश्य है।

    जब तक भारतीय समाज संगठित और गुणी नहीं होगा, तब तक देश का भाग्य नहीं बदलेगा

    आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब तक भारतीय समाज संगठित और गुणी नहीं होगा, तब तक देश का भाग्य नहीं बदलेगा। संघ का उद्देश्य जमीनी स्तर पर एक गैर-राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व विकसित करना है। व्यक्ति निर्माण से समाज में परिवर्तन होता है और जब समाज बदलता है तो व्यवस्थाएं भी बदलती हैं।

    उन्होंने युवाओं को यह अनुभव करने के लिए भी कहा कि कैसे आरएसएस शाखाओं की गतिविधियां व्यक्तियों के गुण और चरित्र को बेहतर बनाने पर केंद्रित होती हैं। उन्होंने युवाओं से अपने समय, रुचि, स्थान और क्षमता के अनुसार आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने का आह्वान किया।

    जातीय हिंसा भड़कने के बाद पहली बार मणिपुर का दौरा करेंगे आरएसएस प्रमुख

    आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दो साल पहले भड़की जातीय ¨हसा के बाद पहली बार 20 नवंबर को मणिपुर पहुंचेंगे। यह जानकारी संगठन के एक पदाधिकारी ने बुधवार को दी। अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान भागवत नागरिकों, उद्यमियों और आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे।

    एक अन्य आरएसएस पदाधिकारी ने बताया कि दो साल पहले भड़की हिंसा के बाद से भागवत का यह पहला दौरा होगा। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने आखिरी बार 2022 में राज्य का दौरा किया था।

    वह इंफाल के कोंजेंग लेइकाई में एक कार्यक्रम में उद्यमियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मिलेंगे। 21 नवंबर को भागवत मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों के आदिवासी नेताओं से मिलेंगे और उनसे बातचीत करेंगे।