Bengaluru Accident: 'इंसानियत फेल हो गई, लेकिन...', बेंगलुरु सड़क हादसे में जान गंवाने वाले युवक के परिजनों ने मृतक की आंखें की दान
बेंगलुरु में एक महिला अपने पति को अस्पताल ले जाने के लिए मदद मांगती रही, पर किसी ने मदद नहीं की। एक कैब ड्राइवर ने मदद की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। ...और पढ़ें

बेंगलुरु सड़क हादसे में युवक की हुई थी मौत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु की सड़कों पर उस वक्त संवेदनहीनता की हद देखने को मिली, जब एक महिला सड़क पर बेसुध पड़े अपने पति को अस्पताल ले जाने के लिए गिड़गिड़ाती रही, लेकिन उसकी मदद के लिए एक भी व्यक्ति आगे नहीं आया। सड़क पर गाड़ियां गुजरती रहीं, लेकिन किसी का भी दिल नहीं पसीजा।
आखिरकार एक कैब ड्राइवर ने उनकी मदद की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिला का पति इस दुनिया से जा चुका था और उसके दो बच्चे बिना पिता के हो चुके थे। यह सिर्फ एक हादसा नहीं था, यह मेडिकल सिस्टम और सिविक सेंस की घोर लापरवाही थी, जिसने उस व्यक्ति की जान ले ली थी।
परिवार ने मृतक की आंखें दान की
NDTV की खबर के अनुसार, महिला ने कहा, 'उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई, हम पहले हॉस्पिटल गए। लेकिन डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे। दूसरे हॉस्पिटल में हमें बताया गया कि उन्हें स्ट्रोक आया है।
वहां से उन्हें दूसरे हॉस्पिटल जाने को कहा गया। जब हमने एम्बुलेंस सर्विस के लिए कॉल किया, तो उन्होंने ठीक से जवाब नहीं दिया। इंसानियत फेल हो गई, लेकिन हमने उनकी आंखें डोनेट करके अपना फर्ज निभाया।'
पत्नी मदद के लिए गिड़गिड़ाती रही, पर नहीं मिली मदद
एंबुलेंस उपलब्ध न होने की वजह से कपल बाइक से ही अस्पताल की ओर चल पड़ा। जहां रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया। एक CCTV फुटेज में दिखा कि जब पति सड़क पर पड़ा था, तो उसकी पत्नी गुजरने वाले हर गाड़ी से मदद के लिए भीख मांग रही थी। लेकिन कोई नहीं रुका।
कई मिनटों के इंतजार के बाद, एक कैब ड्राइवर रुका और वेंकटरमनन को पास के अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टरों ने उसे अस्पताल पहुंचने पर ही मृत घोषित कर दिया।
मां का छलका दर्द
मृतक की मां ने कहा, 'मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं। मुझे नहीं पता कि क्या कहूं। मेरा बेटा चला गया। सरकार को हेल्थ इमरजेंसी को समझना चाहिए। मेरी बेटी के साथ दो बच्चे रह गए हैं। उनकी देखभाल कौन करेगा?
अब वेंकटरमन के परिवार में उनकी पत्नी, मां और दो बच्चे हैं, एक पांच साल का बेटा और एक 18 महीने की बेटी।

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