कैदियों को आत्मघाती हमलावर बनाने की थी साजिश, लश्कर-ए-तैयबा के बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश; सात राज्यों में NIA के छापे
बेंगलुरु जेल में कैदियों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में एनआईए (NIA) सात राज्यों में 17 स्थानों पर तलाशी की कार्रवाई कर रही है। बेंगलुरु सिटी पुलिस द्वारा 18 जुलाई 2023 को सात आरोपी व्यक्तियों के कब्जे से हथियार गोला-बारूद हथगोले और वॉकी-टॉकी की जब्ती के बाद दर्ज किया गया था। बरामदगी तब की गई जब सातों लोग एक आरोपी के घर में एकत्र हुए थे।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। लश्करे तैयबा के बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए एनआइए ने कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, गुजरात और पश्चिम बंगाल समेत सात राज्यों में छापा मारा है। इस मॉड्यूल का पर्दाफाश बेंगलुरु जेल के भीतर लश्करे तैयबा के लिए भर्ती की साजिश की जांच के सिलसिले में हुआ। पिछले साल जुलाई में बेंगलुरू के एक ठिकाने से सात पिस्तौल, चार हैंडग्रेनेड, 45 गोलियों के साथ एक मैगजीन और चार वाकी-टाकी की बरामदगी के बाद लश्करे तैयबा की साजिश की जानकारी मिली थी।
बेंगलुरू पुलिस की शुरूआती एफआइआर के बाद एनआइए ने इस केस की जांच अपने हाथ में ले ली थी।एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जेल के भीतर आतंकी भर्ती की जांच पूरी हो चुकी है और 12 जनवरी को आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है, जिनमें दो आरोपी जुनैद अहमद और सलमान खान को भगोड़ा घोषित किया गया है। उनके अनुसार केस की जांच के दौरान कई राज्यों में फैले लश्करे तैयबा के नेटवर्क की जानकारी मिली, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और इसके लिए ट्रे¨नग और फं¨डग तक उपलब्ध करा रहे थे।
जांच के दौरान ऐसे 12 संदिग्धों की पहचान की गई जो इस नेटवर्क में शामिल थे। मंगलवार को इन सभी के ठिकानों की सघन तलाशी ली गई। एनआइए के अनुसार तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, दस्तावेजी साक्ष्य और देशी व विदेशी मुद्रा में नकद बरामद किये गए। इनमें 25 मोबाइल फोन, छह लैपटाप, चार स्टोरेज उपकरण शामिल हैं जिन संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे गए, उनमें कर्नाटक के मेंगलुरू के नवीद, बेंगलुरू के सैयद खैल व दक्षिण कर्नाटक के बिज्जु के साथ ही पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के मयूर चक्रवर्ती, पंजाब के गुरूदासपुर के नवजोत सिंह, गुजरात के मेहसाना के हार्दिक कुमार व अहमदाबाद का करन कुमार, तमिलनाडु के रामनाथपुरम के दो भाई अहमद सथिकली व मुबिथ और चेन्नई का हसन अल बस्सम शामिल हैं।
इस पूरे मॉड्यूल के मास्टरमाइंड की पहचान की कोशिश की जा रही है। एनआइए की चार्जशीट के अनुसार केरल के कन्नूर का रहने वाला टी नसीर बम धमाके के कई मामलों का आरोपी है और बेंगलुरु के जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। यहीं रहते हुए उसने जुनैद अहमद उर्फ जेडी और सलमान खान से मुलाकात हुई और दोनों को उसने लश्करे तैयबा का आतंकी बनने और फियादीन हमले के लिए तैयार कर लिया।
इसके बाद उनसे अन्य आरोपियों को जेल के अपने बैरक में शिफ्ट कराने में सफल रहा और उन्हें लश्करे तैयबा का आतंकी बनान के लिए तैयार किया। जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद आरोपियों ने आतंकी हमलों के लिए हथियार और फंड जुटाना शुरू कर दिया। एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार के छापे के मिले डिजिटल उपकरणों और अन्य दस्तावेजों को अहम बताते हुए कहा कि इससे इनके नेटवर्क के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकती है। आज के छापे में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई लेकिन एनआइए आरोपियों की तलाश कर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश में जुट गया है।
क्या है पूरा मामला?
बेंगलुरु सिटी पुलिस द्वारा 18 जुलाई, 2023 को सात आरोपी व्यक्तियों के कब्जे से हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी-टॉकी की जब्ती के बाद दर्ज किया गया था। बरामदगी तब की गई जब सातों लोग एक आरोपी के घर में एकत्र हुए थे।
एनआईए ने अक्टूबर 2023 को इस मामले की जांच को अपने हाथ में ले लिया था। साल 2017 में आरोपी टी. नसीर अन्य आरोपियों के संपर्क में आया था। सलाम POCSO मामले में जेल में था। कट्टरपंथी बनाने और उन्हें लश्कर में भर्ती करने के उद्देश्य से नसीर उनकी क्षमता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद उन सभी को अपने बैरक में स्थानांतरित करने में कामयाब रहा था।
वह सबसे पहले लश्कर की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जुनैद और सलमान को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने में कामयाब रहा। इसके बाद उसने जुनैद के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश रची।
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