बंगाल के चार मजदूरों के साथ बांग्लादेशी होने के संदेह पर तमिलनाडु में की गई मारपीट, टूटा हाथ; पुलिस में शिकायत दर्ज
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के चार प्रवासी मजदूरों ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु में बंगाली बोलने पर स्थानीय लोगों ने उनके साथ मारपीट की। मजदूरों का कहना है कि उन्हें बांग्लादेशी समझकर प्रताड़ित किया गया। शिकायत के अनुसार मजदूरों को लोहे की छड़ों से पीटा गया और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के चार प्रवासी मजदूरों ने इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में स्थानीय लोगों द्वारा बंगाली भाषा में बात करने पर मारपीट का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि अवैध बांग्लादेशी होने के संदेह में उन लोगों को प्रताड़ित किया गया।
मुर्शिदाबाद में 18 जुलाई को दर्ज की गई पुलिस शिकायत के अनुसार, यह घटना 15 जुलाई को हुई जब सुजान शेख, उनके भाई मिलन शेख और दो अन्य- साहिल शेख और बाबू शेख, लगभग तीन हफ्ते पहले काम की तलाश में चेन्नई गए थे और तिरुवल्लूर में एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे।
मजदूरों ने क्या आरोप लगाया?
सुजान शेख का आरोप है कि वहां कुछ स्थानीय निवासियों ने हमारा विरोध किया, हमारे नाम और हम कहां से हैं यह पूछा। जब उन्होंने हमें बंगाली में बात करते सुना, तो उन्होंने हमें लोहे की छड़ों और लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। वे हम पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगाते रहे।
पिटाई में घायल मजदूरों को पहले इलाज के लिए तिरुवल्लूर के एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया। सुजान का दावा है कि हमले में उसके हाथ में फ्रैक्चर होने के बाद उसे सर्जरी करानी पड़ी और वह अभी भी चिकित्सा देखभाल में हैं।
सदमे में हैं मजदूर
मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने पहले चेन्नई की स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुजान शेख का कहना है कि हम पिछले चार सालों से काम के लिए चेन्नई आते-जाते रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हम अभी भी सदमे में हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि घर लौटने से पहले उन्हें साइट पर 11 दिनों के काम का भुगतान भी नहीं किया गया। इधर, मुर्शिदाबाद पुलिस ने शिकायत मिलने की बात स्वीकार की है और कहा है कि वे तमिलनाडु पुलिस के संपर्क में हैं।
ममता ने भी लगाया था आरोप
मालूम हो कि दूसरे राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों के कथित उत्पीड़न को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस लगातार हमलावर है, उसी बीच यह घटना सामने आई है।
इस महीने की शुरुआत में ममता ने आरोप लगाया था कि हरियाणा, राजस्थान और ओडिशा जैसे भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों को भेदभाव और भाषाई भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।
ममता के आरोप पर भाजपा का जवाब
उन्होंने दावा किया कि वैध दस्तावेज होने के बावजूद बांग्लादेशी होने के संदेह में कई लोगों को परेशान किया जा रहा है या बांग्लादेश सीमा पार वापस भेजा जा रहा है। हालांकि भाजपा ममता के आरोपों को निराधार बताकर खारिज कर रही है।
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