बंगाल में अब तक 10 लाख वोटरों के नाम कटने का अनुमान, चुनाव आयोग ने दिया हिसाब
बंगाल में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में लगभग 10 लाख वोटरों के नाम कटने का अनुमान है। चुनाव आयोग के अनुसार, इनमें 6.5 लाख मृतक वोटर शामिल हैं, साथ ही फर्जी और स्थानांतरित वोटर भी हैं। आयोग ने बताया कि 99.75% गणना फार्म बांटे जा चुके हैं, जिनमें से 59.4% डिजिटाइज हो चुके हैं। अंतिम सूची डिजिटाइजेशन के बाद जारी होगी।
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बंगाल में अब तक 10 लाख वोटरों के नाम कटने का अनुमान (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो,जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR) में अब तक कम से कम 10 लाख वोटरों के नाम कटने का अनुमान जताया गया है। यह चुनाव आयोग के हिसाब से है। अब तक मिली जानकारी के आधार पर पता चला है कि 10 लाख नाम हटेंगे। बाद में और नाम हट सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, आयोग अब तक मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल में कम से कम 10 लाख वोटरों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं। यह जानकारी बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) को घर-घर जाकर फार्म बांटने और भरे हुए फार्म इकट्ठा करने के दौरान मिली है। इन 10 लाख में से 6.5 लाख वोटर मृत पाए गए हैं।
इसके अलावा, कई फर्जी, ट्रांसफर हुए और गायब वोटर हैं। कई लोगों के नाम एक से अधिक बूथों पर हैं। फिर, कुछ के घर तीन-चार बार जाने के बाद भी बीएलओ को उनका पता नहीं चल पाया क्योंकि उनके पते में बदलाव था। फिलहाल यह संख्या कम से कम 10 लाख है।
चुनाव आयोग के हिसाब से, 24 नवंबर तक राज्य में 99.75 प्रतिशत यानी करीब 7.64 करोड़ गणना फार्म बांटे जा चुके हैं। चार करोड़ से ज्यादा फार्म (59.4 प्रतिशत) डिजिटाइज हो चुके हैं। यह जानकारी फिलहाल अब तक हुई प्रोग्रेस के आधार पर दी गई है। हालांकि, असल में कितने नाम बाहर होंगे, इसका अंदाज़ा सभी फार्म के डिजिटाइजेशन के बाद ही लगाया जा सकेगा। ड्राफ्ट सूची नौ दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी।
राज्य के चीफ इलेक्शन ऑफिसर (सीईओ) मनोज अग्रवाल ने कहा कि हमने मतदाताओं से अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द गणना फार्म जमा कर दें। चार दिसंबर आखिरी दिन है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कौन-से जिले आगे
आयोग ने आगे बताया कि एसआइर के अब तक के काम में राज्य के पांच जिले आगे हैं। पूर्व बर्द्धमान में 66.47 प्रतिशत, अलीपुरद्वार में 66.41, उत्तर दिनाजपुर में 65.43, मालदा में 66.23 और पूर् मेदिनीपुर में 65.27 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। चुनाव आयोग ने बताया कि राज्य में सबसे अच्छा काम उत्तर 24 परगना के गोसाबा में हुआ है। वहां 121 बीएलओ ने पहले ही 100 परसेंट काम पूरा कर लिया है।
बीएलओ की मौत
राज्य में अब तक SIR के काम के दबाव में से तीन बीएलओ की मौत हो चुकी है। इस बारे में सीईओ मनोज अग्रवाल ने कहा कि बीएलओ की मौत कैसे हुई, इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। पोस्टमार्ट रिपोर्ट भी मांगी गई है। ड्यूटी के दौरान हुई मौत के बारे में आयोग को बताया जाएगा।
मनोज ने यह भी कहा कि अगर कोई बीएलओ काम के दौरान बीमार पड़ जाता है या उसे कोई शारीरिक समस्या होती है, तो निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) उस बीएलओ को बदल सकता है। इसके लिए सीईओ की अनुमति की जरूरत नहीं है।
सीईओ ने कहा कि बंगाल देश का अकेला ऐसा राज्य है, जहां अब तक किसी बीएलओ के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है। अगर काम करते समय कोई गलती हुई है, तो संबंधित बीएलओ को चेतावनी दी गई है। लेकिन कोई सजा नहीं दी गई है। हालांकि, अगर कोई जानबूझकर कुछ करता है, तो सजा दी जाएगी। इसके उलट सीईओ ने बीएलओ की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि बीएलओ बहुत काम कर रहे हैं। वे एसआइआर के हीरो हैं!
क्या काम बाकी है
बंगाल में घर-घर जाकर गणना फार्म बांटने का काम चार नवंबर से शुरू हुआ था। फार्म जमा करने की आखिरी तारीख चार दिसंबर है। आयोग के मुताबिक, इस राज्य में कुल वोटर्स की संख्या 7,66,37,529 है। अब तक 7,64,48,006 फार्म बांटे जा चुके हैं। यानी, अभी करीब दो लाख लोगों तक फार्म पहुंचना बाकी है। 4,28,98,350 फार्म डिजिटाइज हो चुके हैं। करीब 41 परसेंट फॉर्म अभी भी डिजिटाइज़ होने बाकी हैं। कुल वोटर्स में से 2.5 परसेंट की मैपिंग अभी भी बाकी है। लेकिन 10 दिन भी नहीं बचे हैं। काम जोरों पर है।

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