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    बंगाल पुलिस ने सिविक वालंटियर्स के लिए पूरे राज्य में शुरू किया ट्रेनिंग प्रोग्राम, 8000 से ज्यादा लोग लेंगे हिस्सा

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 07:32 AM (IST)

    अधिकारी ने बताया कि एडीजी पुलिस (ट्रेनिंग) की तरफ से सभी पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए गए हैं, जिसमें बताया गया है कि हर यूनिट को पांच दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए कितने वालंटियर्स भेजने हैं। यह कदम सिविक वालंटियर्स में अनुशासन लाने के उद्देश्य से किया गया है।

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    बंगाल पुलिस ने सिविक वालंटियर्स में अनुशासन लाने के लिए पूरे राज्य में प्रशिक्षण शुरू किया  (सांकेतिक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल पुलिस ने सिविक वालंटियर्स के लिए पूरे राज्य में ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें 8,000 से ज़्यादा लोग हिस्सा लेंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

    अधिकारी ने बताया कि एडीजी पुलिस (ट्रेनिंग) की तरफ से सभी पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए गए हैं, जिसमें बताया गया है कि हर यूनिट को पांच दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए कितने वालंटियर्स भेजने हैं। यह कदम सिविक वालंटियर्स में अनुशासन लाने के उद्देश्य से किया गया है।

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    अधिकारी ने कहा कि यह ट्रेनिंग कई बटालियन सेंटर्स पर हो रही है, जिनमें बैरकपुर, कृष्णानगर, सलुआ, बरजोरा, आसनसोल, पुरुलिया, दुर्गापुर, राजनगर, रायगंज, जलपाईगुड़ी, डाबग्राम और सिलीगुड़ी शामिल हैं। कोलकाता पुलिस के तहत आने वाले सिविक वालंटियर्स इस फेज का हिस्सा नहीं हैं।

    उन्होंने कहा कि सिर्फ पुरुष वालंटियर्स को प्रशिक्षण के लिए नामित किया गया है, और बताया कि इस प्रोग्राम में फि़जि़कल ड्रिल के साथ कानूनी जिम्मेदारियों और व्यवहार पर सत्र भी शामिल हैं।

    अधिकारी ने आगे कहा कि इस बात पर ज़ोर दिया जाता है कि उनके अधिकार में क्या आता है और क्या नहीं। सिविक वालंटियर्स को यह समझना चाहिए कि उनका रोल सपोर्ट करने वाला है, सुपरवाइजरी नहीं।

    उन्होंने कहा कि सिविक वालंटियर्स को ट्रैफिक चेकिंग के दौरान गाड़ी के डाक्यूमेंट्स न छूने और गाड़ी चलाने वालों और पैदल चलने वालों से टकराव से बचने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वे रेगुलर फोर्स का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन वे फ्रंटलाइन ड्यूटी से करीब से जुड़े हुए हैं।

    कुछ अधिकारी इस पहल को ज़रूरी मानते हैं, जबकि दूसरे सवाल उठाते हैं कि क्या पांच दिन की ट्रेनिंग से कोई बड़ा बदलाव आ सकता है। हाल के सालों में, सिविक वालंटियर्स कई विवादों में शामिल रहे हैं, जिनमें वसूली, रंगदारी और हमले के मामले शामिल हैं।