बंगाल सात दिनों में पूरी करें SIR की तैयारी, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई: EC
चुनाव आयोग की विशेष टीम ने बंगाल के जिलाधिकारियों को मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत चुनावी तैयारियां सात दिनों में पूरी करने का निर्देश दिया है। 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। प्रत्येक जिले में गणना फार्म छपेंगे और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में राज्य में लगभग 7.65 करोड़ मतदाता हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। चुनाव आयोग की दिल्ली से आई विशेष टीम ने बुधवार को एक बैठक में राज्य के जिलाधिकारियों को साफ कहा है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) समेत सभी चुनावी तैयारियां सात दिनों के भीतर पूरी कर ली जाए। किस जिले में कार्य कितना आगे बढ़ा है इसकी भी बारीकी से जांच की जाए।
वर्ष 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोग की विशेष टीम मंगलवार की रात को कोलकाता पहुंची। टीम में उपचुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती, आयोग की आइटी शाखा की महानिदेशक सीमा खन्ना, आयोग के सचिव एसबी जोशी और उप सचिव अभिनव अग्रवाल शामिल हैं।
बुधवार सुबह ज्ञानेश ने सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। सूत्रों के अनुसार बैठक में हर जिले में किस तरह की तैयारी हुई है, इस पर चर्चा की गई है। बंगाल में जिलेवार होगी गणना फार्म की छपाई उपचुनाव आयुक्त ने निर्देश दिया है कि एसआइआर की अधिसूचना के प्रकाशन के चार से पांच दिनों के भीतर जिलेवार गणना फार्म की छपाई का कम से कम 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाना चाहिए। प्रत्येक जिले में फार्म अलग-अलग छपवाने होंगे। ज्ञानेश ने जिलाधिकारियों से यह भी जानने को कहा कि क्या उनके संबंधित जिलों में छपाई के लिए बुनियादी ढांचा है। गौरतलब है कि बिहार के मामले में, फार्म एक ही जगह से छपकर प्रत्येक जिले में भेजे जाते थे। बंगाल के मामले में निर्देश दिए गए हैं कि गणना प्रपत्र प्रत्येक जिले में अलग से मुद्रित किए जाएंगे। प्रत्येक मतदाता प्रपत्र की साफ्ट कापी दिल्ली से ईआरओ को अलग से भेजी जाएगी।
राज्य में वर्तमान में लगभग 7.65 करोड़ मतदाता हैं। प्रपत्रों की दोगुनी संख्या मुद्रित की जाएगी। प्रत्येक मतदाता के लिए दो आवेदन पत्र मुद्रित किए जाएंगे। एक मतदाता के पास होगा। दूसरा बीएलओ जमा लेंगे। बिहार के मुद्दे का हवाला देते हुए अधिकारियों को बार-बार बताया गया है कि पूरी प्रक्रिया जानने के बावजूद, बिहार में उन सभी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की गई है जिन पर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। अगर बंगाल में भी किसी अधिकारी पर ऐसे आरोप लगे तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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