SIR in Bengal: बीएलओ अस्पताल में भर्ती, परिवार का दावा; एसआइआर की ड्यूटी के तनाव की वजह हुए बीमार
पश्चिम बंगाल में एक बीएलओ एसआईआर ड्यूटी के चलते बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। परिवार का आरोप है कि एसआईआर की ड्यूटी का अत्यधिक दबाव होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बंगाल में एसआइआर।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता: बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर)का कार्य में जुटे दो बीएलओ की कथित आत्महत्या को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग पर हमलावर हैं।
इस टकराव के बीच दक्षिण 24 परगना जिले में एक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। बीमार कमल नस्कर नामक बीएलओ के परिवार वालों ने दावा है कि तनाव की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ी है।
काम के तनाव की वजह से हुआ बीमार- बीएलओ
नस्कर दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में एक प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं और वे इस समय बीएलओ के रूप में एसआइआर का कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुझे 13 नवंबर को गणना फार्म मिले और मैंने उन्हें बांट दिया। अब वोटर्स से भरे हुए फॉर्म लेने का समय था। मुझे 26 तारीख तक काम खत्म करने के लिए कहा गया है। मैं इस तनाव की वजह से बीमार पड़ गया हूं कि कहीं मैं समय सीमा पार न कर दूं।
तबीयत खराब होने के बाद बीएलओ अस्पताल में भर्ती
उनके परिवार वालों का कहना है कि नस्कर कल बीएलओ की एक बैठक में शामिल हुए थे, जिसमें उन्हें गणना फॉर्म इकट्ठा करके 26 नवंबर तक जमा करने को कहा गया था। उनके परिवार वालों ने बताया कि घर आते ही नस्कर की तबीयत खराब होने लगी। उन्हें एक प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया गया। ब्लॉक डेवलपमेंट आफिसर और स्थानीय तृणमूल विधायक ने नर्सिंग होम में उनसे मुलाकात की।
नादिया में बीएलओ का शव लटका मिला
विधायक बिश्वनाथ दास ने बीएलओ पर काम का बहुत अधिक बोझ होने की बात कही। यह मामला नादिया जिले में एक बीएलओ के शव अपने घर पर लटके पाए जाने के एक दिन बाद सामने आया है। रिंकू तरफदार के परिवार ने कहा है कि वह एसआइर के काम की वजह से बहुत तनाव में थीं और उन्होंने आत्महत्या कर ली।
बीएलओ के कमरे से मिला सुसाइड नोट
52 साल की तरफदार के घर से मिले एक नोट में लिखा है कि मैं जीना चाहती थी। मेरे परिवार को किसी चीज की कमी नहीं है। लेकिन इस मामूली नौकरी के लिए, उन्होंने मुझे इतनी बेइज्जती में धकेल दिया कि मेरे पास मरने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है।
सुसाइड नोट यह भी लिखा है कि मैं यह बेइज्जती वाला काम का बोझ नहीं सह सकती। मैं एक पार्ट-टाइम टीचर हूं और मेरी मेहनत के मुकाबले मेरी सैलरी बहुत कम है, फिर भी वे मुझे रिलीव नहीं करेंगे। मैंने 95 परसेंट ऑफलाइन काम पूरा कर लिया था, लेकिन मैं ऑनलाइन काम नहीं कर पा रही थी। बीडीओ आफिस और अपने सुपरवाइजर को बताने के बावजूद, कोई एक्शन नहीं लिया गया।
सीएम ममता ने चुनाव आयोग को घेरा
इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर रिंकू का सुसाइड नोट शेयर किया और लिखा कि कितनी जानें जाएंगी? इस एसआइआर के लिए और कितने लोगों को मरना होगा? इस प्रोसेस के लिए हमें और कितनी लाशें देखनी पड़ेंगी? यह अब सच में बहुत चिंता की बात हो गई है!
बीजेपी ने सुसाइड नोट बताया फेक
वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने ममता बनर्जी के दावों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल बेमतलब है। अगर तृणमूल नेताओं में हिम्मत है, तो उन्हें बीएलओ की मौत की सीबीआइ जांच की मांग करनी चाहिए। मैं चुनौती दे रहा हूं कि सुसाइड नोट फेक है।

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