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    दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्रियों को लाभ! कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात से कई देश खुश

    श्रीलंका के खेल मंत्री नमल राजपक्षे ने हवाई अड्डे पर सबसे पहले श्रीलंकाई एयरलाइंस को आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहाएक पवित्र स्थान पर हवाई अड्डा खोलने से न केवल श्रीलंका के बौद्धों को बल्कि दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्रियों को भी लाभ होगा।

    By Nitin AroraEdited By: Updated: Wed, 20 Oct 2021 01:53 PM (IST)
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    दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्रियों को लाभ! कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात से कई देश खुश

    कुशीनगर, एएनआइ। श्रीलंका के कैबिनेट मंत्रियों के साथ करीब 100 बौद्ध भिक्षु बुधवार को हवाईअड्डे के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यूपी के कुशीनगर में एक कार्यक्रम में श्रीलंका के खेल मंत्री और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे की अगवानी की, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया।

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    एएनआई से बात करते हुए, श्रीलंका के खेल मंत्री नमल राजपक्षे ने हवाई अड्डे पर सबसे पहले श्रीलंकाई एयरलाइंस को आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।

    राजपक्षे ने कहा कुशीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को खोलने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक अच्छा कदम है। विशेष रूप से श्रीलंकाई एयरलाइंस को हवाई अड्डे पर सबसे पहले उतराने देने की अनुमति देना भी उनके अच्छे व्यवहार को दिखाता है। हमारा मानना है कि बौद्ध तीर्थयात्रा के लिए भारत की यात्रा करने वाले कई यात्री हैं और बौद्धों के लिए इस तरह के एक पवित्र स्थान पर हवाई अड्डा खोलने से न केवल श्रीलंका के बौद्धों को बल्कि दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्रियों को भी लाभ होगा।

    वहीं, कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवद गीता का सिंहली संस्करण भेंट किया। इसमें श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का संदेश भी है।

    इसके अलावा भूटान के राजदूत मेजर जनरल वेटसाप नामग्याल ने एएनआई को बताया कि हवाई अड्डे के उद्घाटन से बौद्ध सर्किट पर्यटन बहुत सुविधाजनक हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'अद्भुत विकास, क्योंकि यह बौद्ध देशों को सबसे पवित्र स्थान पर बहुत आसानी से आने-जाने का अवसर देगा जहां भगवान बुद्ध ने परिनिर्वाण में प्रवेश किया था। यह बौद्ध सर्किट पर्यटन को बहुत सुविधाजनक बना देगा।'

    वहीं, थाईलैंड के राजदूत ने कहा कि उम्मीद है हवाई अड्डे के उद्घाटन से थाईलैंड के बहुत सारे पर्यटक आकर्षित होंगे। पट्टारत होंगटोंग ने कहा कि हवाई अड्डे से देश में उनकी यात्रा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, 'हमारे यहां थाईलैंड के बहुत से लोग हैं जो तीर्थयात्रा के लिए यहां आते हैं। इसलिए नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के होने से थाई लोगों की यात्रा को बढ़ावा मिलेगा। मुझे विश्वास है कि थाईलैंड से बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे। थाई लोग बौद्ध सर्किट को पूरा करने के लिए भारत आना पसंद करते हैं, इसलिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान होने से यात्रा बहुत आसान हो जाएगी।'

    एएनआई से बात करते हुए, वियतनाम के राजदूत, फाम सान चाऊ ने हवाई अड्डे के उद्घाटन पर खुशी व्यक्त की और कहा कि भारत आने वाले आगंतुकों की सबसे बड़ी संख्या बौद्ध तीर्थ यात्रा के लिए होती है। उन्होंने कहा, 'वियतनाम से भारत आने वाले पर्यटकों की सबसे बड़ी संख्या बौद्ध और बौद्ध तीर्थयात्रियों की है। इसलिए इस हवाईअड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनते देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। इससे यात्रा की दूरी बहुत कम हो जाएगी। मैं और मेरा परिवार भी यहां रहा है और मेरा मानना है कि हमें वियतनाम से आने वाले पर्यटन को और बढ़ावा देना है।'

    म्यांमार के राजदूत मो क्याव आंग ने कहा कि इस कदम से म्यांमार के अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे क्योंकि अधिकांश आबादी बौद्ध हैं। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बौद्ध सर्किट स्थल है। पहले उन्हें गोरखपुर से आना पड़ता था, लेकिन अब वे सीधे कुशीनगर आ सकते हैं।'

    वहीं, नेपाल के मंत्री काउंसलर आनंद प्रसाद शर्मा ने उम्मीद जताई कि हवाई अड्डे से तीर्थयात्रा के लिए आने वाले बौद्ध भक्तों को सुविधा होगी।