साउथ फिल्म एक्टर विजय को मद्रास HC ने लगाई फटकार, कहा- सिर्फ रील हीरो न बनें; जानें पूरा मामला
जस्टिस एसएम सुब्रमणियम ने अभिनेता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि कर चोरी को राष्ट्र विरोधी आदत रवैया और मानसिकता के साथ ही असंवैधानिक माना जाना चाहिए। अदालत ने जुर्माने की रकम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के कोरोना राहत कोष में जमा कराने का आदेश दिया।
चेन्नई, प्रेट्र। मद्रास हाई कोर्ट ने अल्ट्रा-लग्जरी रोल्स रायस घोस्ट कार के आयात पर प्रवेश कर के भुगतान से बचने की कोशिश करने पर तमिल फिल्म अभिनेता विजय को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने अभिनेता पर एक लाख का जुर्माना लगाते हुए दो हफ्ते के भीतर कर के साथ ही जुर्माने की रकम का भुगतान करने का आदेश दिया।
अभिनेता विजय की याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठित अभिनेता से तुरंत और समय पर कर का भुगतान करने की उम्मीद की जाती है और इन्हें सिर्फ रील हीरो नहीं बने रहना चाहिए।
जस्टिस एसएम सुब्रमणियम ने अभिनेता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि कर चोरी को राष्ट्र विरोधी आदत, रवैया और मानसिकता के साथ ही असंवैधानिक माना जाना चाहिए। अदालत ने जुर्माने की रकम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के कोरोना राहत कोष में जमा कराने का आदेश दिया।
जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ता सी. जोसेफ विजय (अभिनेता का असली नाम, फिल्मी नाम विजय है) ने अपने हलफनामे में अपने पेशे या व्यवसाय का जिक्र तक नहीं किया है। विजय के वकील ने जब इसका जिक्र किया तब इसके बारे में जानकारी मिली।
समय पर कर देने वाला असली हीरो
अदालत ने कहा कि कराधान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कर अनिवार्य योगदान है, न कि स्वैछिक भुगतान या दान, जो व्यक्ति अपनी इच्छा से तय करता है। अदालत ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति समय पर तुरंत कर जमा करता है उसे ही असली नायक माना जाना चाहिए।
ऐसे अभिनेता से इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं
जज ने कहा कि याचिकाकर्ता को उसके प्रशंसक असली नायक के रूप में देखते हैं। तमिलनाडु में कई फिल्मी नायकों ने शासन किया है, लोग इन्हें असली नायक के रूप में देखते हैं, इसलिए इनसे इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं की जाती है।
2012 में इंग्लैंड से आयात की थी कार
विजय ने यह कार 2012 में इंग्लैंड से आयात की थी। इस समय इसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है। अदालत ने कहा कि अभिनेता ने इंग्लैंड से लग्जरी कार आयात की, लेकिन दुर्भाग्य से कानून के मुताबिक इस पर प्रवेश कर का भुगतान नहीं किया। कर के भुगतान से बचने के लिए याचिका दायर कर दी।