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BBC Documentary Row: बीबीसी की बैन डॉक्युमेंट्री पर दिल्ली से लेकर केरल तक बवाल, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

BBC Documentary Row बीबीसी की प्रतिबंधित डाक्युमेंट्री इंडिया द मोदी क्वेश्चन पर विवाद जारी है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी जेएनयू में इसको लेकर बवाल हो चुका है। बता दें कि केंद्र सरकार इस पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। (फोटो ANI)

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiPublished: Fri, 27 Jan 2023 10:31 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 10:31 AM (IST)
BBC Documentary Row: बीबीसी की बैन डॉक्युमेंट्री पर दिल्ली से लेकर केरल तक बवाल, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
BBC Documentary Row: बीबीसी की बैन डॉक्युमेंट्री पर दिल्ली से लेकर केरल तक बवाल

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। गुजरात दंगों को लेकर बनी बीबीसी की डाक्युमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। विवादित डॉक्युमेंट्री पर प्रतिबंध के बावजूद विभिन्न राज्यों और यूनिवर्सिटी में इसकी सक्रीनिंग कराई जा रही है। दिल्ली से केरल तक डॉक्युमेंट्री को लेकर बवाल हो रहा है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया यूनिवर्सिटी में भी इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ।

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जेएनयू में बवाल

केंद्र सरकार बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री पर प्रतिबंध लगा चुकी है। इसके बावजूद बीते गुरुवार को इसकी स्क्रीनिंग जेएनयू में कराई गई थी। आरोप है कि इस दौरान बिजली काट दी गई और इटरनेट सेवा बाधित की गई। इसके विरोध में छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) ने प्रदर्श किया। प्रदर्शन में वामपंथी छात्र संगठन वामपंथी दल स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई) और आइसा के सदस्य शामिल रहे। इस दौरान जमकर बवाल हुआ। जेएनयू प्रशासन इसकी स्क्रीनिंग पर पहले ही रोक लगा चुका था।

JNU में पत्थरबाजी का आरोप

डाक्युमेंट्री देख रहे छात्रों ने आरोप लगाया कि उन पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पत्थर फेंके। हालांकि, एबीवीपी ने इससे इन्कार किया है। जेएनयू छात्र संघ के नेतृत्व में वामपंथी छात्रों ने पत्थरबाजी की घटना एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन की ओर पैदल मार्च भी किया।

हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दिखाई गई विवादित डॉक्युमेंट्री

एसएफआई ने गणतंत्र दिवस पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में विवादित डाक्युमेंट्री दिखाई। इसके जवाब में एबीवीपी ने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म दिखाई। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार देवेश निगम ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था के मुद्दे को देखते हुए डीन-स्टूडेंट्स वेलफेयर ने छात्रों के समूहों की काउंसलिंग की है। उन्होंने कहा कि कैंपस में शांति बनाए रखने के लिए और फिल्मों की स्क्रीनिंग करने से रोका गया है।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मांगी रिपोर्ट

इससे पहले हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह ने बीबीसी की इस डाक्युमेंट्री को अपने परिसर में दिखाया था। मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन रिपोर्ट मांग चुका है। बता दें कि 'फ्रेटरनिटी मूवमेंट एचसीयू यूनिट' के बैनर तले छात्रों के एक समूह ने विश्वविद्यालय के परिसर में रविवार को डाक्युमेंट्री दिखाई थी।

केरल में कांग्रेस भी दिखा रही डॉक्युमेंट्री

इससे पहले केरल की प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बीते गुरुवार को आम जनता के लिए षडमुगम बीच पर विवादित डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि उन्हें इस फिल्म को लेकर आम जनता का समर्थन मिल रहा है। अब प्रदेश कांग्रेस पूरे राज्य में इस विवादित डाक्युमेंट्री को दिखाने जा रही है।

केंद्र सरकार लगा चुकी है प्रतिबंध

बता दें कि केंद्र सरकार इस डाक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग पर देशभर में पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। सूचना व प्रसारण मंत्रालय डाक्युमेंट्री के लिंक साझा करने वाले सभी यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्टों को ब्लॉक करने का निर्देश जारी कर चुका है।

विदेश में भी डॉक्युमेंट्री की आलोचना

बीबीसी की बैन डॉक्युमेंट्री की विदेश में भी आलोचना हो रही है। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने इस पर असहमति जताई थी। सुनक ने कहा था, "निश्चित रूप से हम उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो, लेकिन मैं उस चरित्र-चित्रण से कतई सहमत सहमत नहीं हूं जो पीएम मोदी का दिखाया गया है।"


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