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BBC Documentary: बीबीसी डॉक्युमेंट्री पर बैन को लेकर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, 3 हफ्ते में मांगा जवाब

Supreme Court on BBC Documentary Ban गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्युमेंट्री पर लगे बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस देकर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। SC में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने याचिका लगाई है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaFri, 03 Feb 2023 12:44 PM (IST)
BBC Documentary: बीबीसी डॉक्युमेंट्री पर बैन को लेकर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, 3 हफ्ते में मांगा जवाब
Supreme Court on BBC Documentary Ban डॉक्युमेंट्री पर बैन के खिलाफ एससी में सुनवाई।

नई दिल्ली, एजेंसी। Supreme Court on BBC Documentary Ban गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्युमेंट्री पर लगे बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र से 3 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। बीबीसी की डॉक्युमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' में गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ कई दावे किए गए हैं, जिसको लेकर केंद्र ने इसको सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैनलों पर बैन कर दिया था।

बैन हटाने की मांग

बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर बैन के बाद से देशभर में विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। जिसके बाद, बैन के खिलाफ वरिष्ठ पत्रकार एन. राम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बीबीसी  (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) की डॉक्युमेंट्री में दिखाई गई सच्चाई से सरकार डर गई है। याचिका में कहा गया कि ये बैन द्वेषपूर्ण और मनमाना होने के साथ-साथ असंवैधानिक है।

कई यूनिवर्सिटी में की गई स्क्रीनिंग

बीबीसी की विवादास्पद डॉक्युमेंट्री को बैन के बावजूद कुछ छात्र संघों ने देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के परिसरों में इसकी स्क्रीनिंग की है। कई जगह इसके बाद हिंसा भी देखी गई और दिल्ली के अंबेडकर यूनिवर्सिटी में तो इसकी स्क्रीनिंग को रोकने के लिए बिजली भी काट दी गई।

पूर्ण प्रतिबंध को लेकर भी डाली गई है याचिका 

दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर भारत में पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए शुक्रवार को फिर से उल्लेख करने को कहा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से शुक्रवार को मामले का उल्लेख करने को कहा।बता दें कि शीर्ष अदालत हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और एक किसान बीरेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बीबीसी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ जांच की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि बीबीसी डॉक्युमेंट्री में भारत और प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक उदय के खिलाफ गहरी साजिश रची गई है।