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    एमपी में दतिया के पूर्व राजपरिवार में करोड़ों रुपये की संपत्ति को लेकर लड़ाई अब सड़कों पर

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Sat, 07 Nov 2020 09:10 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के दतिया के पूर्व राजपरिवार में संपत्ति को लेकर चचेरे भाइयों में चल रही जंग अब सड़कों पर आ गई है। राजपरिवार के सदस्य एवं सेवढ़ा सीट से कांग्रेस विधायक कुंवर घनश्याम सिंह और चचेरे भाई गिरिराज सिंह आमने-सामने की लड़ाई के मूड में हैं।

    दतिया के पूर्व राजपरिवार में संपत्ति को लेकर चचेरे भाइयों में चल रही जंग।

    अजय तिवारी, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के दतिया के पूर्व राजपरिवार में संपत्ति को लेकर चचेरे भाइयों में चल रही जंग अब सड़कों पर आ गई है। राजपरिवार के सदस्य एवं सेवढ़ा सीट से कांग्रेस विधायक कुंवर घनश्याम सिंह और चचेरे भाई गिरिराज सिंह आमने-सामने की लड़ाई के मूड में हैं। गिरिराज सिंह का दावा है कि दतिया राजवंश की कुल संपत्ति करीब 1600 करोड़ रुपये की है। कोतवाली थाना पुलिस ने दोनों ही पक्षों पर मारपीट और अवैध कब्जे का प्रकरण दर्ज कर लिया है।

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    घनश्याम सिंह ने कहा- किले में गिरिराज और चाची का कोई दखल नहीं

    गिरिराज सिंह पुत्र स्व. केसर सिंह लखनऊ स्थित खुर्शीद बाग में रहते हैं। बुधवार को घनश्याम सिंह ने चाची हेमलता और गिरिराज सिंह को दतिया किले में स्थित महल में इसलिए नहीं जाने दिया क्योंकि उनके मुताबिक संपत्ति का बंटवारा हो चुका है। अब किले में गिरिराज और चाची का कोई दखल नहीं है। इधर, गिरिराज सिंह का कहना है कि जब तक वे यहां पर परंपरागत रूप से दीपावली पूजन नहीं कर लेते तब तक वे दतिया से नहीं जाएंगे। यही नहीं, जरूरत पड़ी तो वे परिवार और रिश्तेदारों के साथ धरना आंदोलन भी करेंगे।

    गिरिराज सिंह का आरोप- सभी संपत्तियों को घनश्याम सिंह ने अपने नाम करवा लिया

    उत्तर प्रदेश के बलरामपुर रियासत से संबंधित गिरिराज सिंह बताते हैं कि बलरामपुर के राजा उनके पिता केसर सिंह के ननिहाल पक्ष वाले हैं, इसी के चलते उन्हें लखनऊ के खुर्शीद बाग क्षेत्र में बड़ी संपत्ति उपहार में मिली थी। दतिया किले में स्थित महल का एक भाग जिसमें हम लोग रुकते हैं, वह भी हमें दिया गया था। अब इन सभी संपत्तियों को घनश्याम सिंह ने अपने नाम करवा लिया है।

    55 बीघा में फैला है दतिया किला परिसर

    दतिया का किला 55 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। शहर के बीचोबीच होने से इसकी अनुमानित कीमत भी 500 से 700 करोड़ रपये है। राजपरिवार की एक और संपत्ति सेवढ़ा नगर में 70 एकड़ में फैला किला और कृषि भूमि है। दोनों ही भाई व उनके परिवार इसे अपने हक का मान रहे हैं। इसके अलावा लगभग 500 एकड़ कृषि भूमि भी राजपरिवार की संपत्ति है।

    पूर्व राजपरिवार की वंशावली

    दतिया महाराजा बलभद्र सिंह के पांच पुत्र थे। इनमें सबसे बड़े कृष्ण सिंह, दूसरे बलराम सिंह, तीसरे लक्ष्येश्वर सिंह, चौथे चंद्रभूषण सिंह और पांचवे तथा सबसे छोटे केसर सिंह थे। संपत्ति की लड़ाई कृष्ण सिंह के बेटे घनश्याम सिंह और केसर सिंह के इकलौते पुत्र गिरिराज सिंह के बीच चल रही है। लक्ष्येश्वर सिंह की कोई संतान नहीं थी। बाकी दो भाइयों के बच्चों को बंटवारे में जो मिला, उससे फिलहाल कोई असंतोष नहीं है।

    वर्ष 2019 में न्यायालय पहुंचा संपत्ति का विवाद

    राजपरिवार की संपत्ति का मामला 2019 में न्यायालय पहुंचा था। उस समय गिरिराज सिंह ने उक्त संपत्ति से अपने हिस्से की मांग की थी। बताया जाता है कि उनके पास दतिया के समीप लगभग 100 एकड़ जमीन थी। इस कृषि भूमि की पैदावार वही लेते थे, किंतु यह संपत्ति भी विवादित हो गई। इसके बाद हेमलता और गिरिराज सिंह ने बंटवारा अधिनियम के तहत कोर्ट में अपना हिस्सा लेने के लिए वाद दायर किया।

    गिरिराज राजवंश की मर्यादा खंडित कर रहे: घनश्याम सिंह

    घनश्याम सिंह का कहना है कि हमारे चाचा स्व. केसर सिंह ने जीवित रहते ही संपत्ति का बंटवारा कर हिस्सा सभी को दे दिया था। अब गिरिराज हमारी संपत्ति पर कब्जा जमाने का प्रयास कर रहे हैं। राजवंश की मर्यादा को खंडित कर रहे हैं। वैसे भी मामला न्यायालय के अधीन है।

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