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    बाटला हाउस में चलेगा बुलडोजर! सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाने से किया इनकार

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 10:30 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बटला हाउस ओखला में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई जुलाई में करने की बात कही है जिससे अवैध अतिक्रमण के नोटिस का सामना कर रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जस्टिस संजय करोल और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया।

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    सुप्रीम कोर्ट ने बटला हाउस ओखला में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर रोक के संबंध में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के बटला हाउस ओखला में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर रोक के संबंध में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि वह मामले पर जुलाई में सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश नहीं देने से अवैध अतिक्रमण के नोटिस का सामना कर रहे लोगों के सामने संकट बरकरार है।

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    नोटिस का सामना कर रहे बटला हाउस के करीब 40 निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ध्वस्तीकरण नोटिस और आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। यह याचिका जस्टिस संजय करोल और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगी थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को क्या दिया था आदेश 

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट के गत सात मई के आदेश का हवाला दिया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को निर्देश दिया था कि वह ओखला गांव में अवैध अतिक्रमण को कानून के मुताबिक ढहाए। जब वकील ने उस आदेश का हवाला दिया तो पीठ ने कहा कि उन्हें मालूम है कि उन्होंने क्या आदेश दिया था।

    कोर्ट ने कहा कि वह उस पर कुछ नहीं कहना चाहते। अब ये आप पर है कि आप कोर्ट से अभी आदेश चाहते हैं या मामले पर जुलाई में सुनवाई चाहते हैं। इस पर हेगड़े ने याचिकाकर्ताओं की परेशानी बताते हुए कहा कि कोर्ट आदेश दे कि इस बीच कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया।

    पीठ ने कहा कि उनका जो आदेश था वह उसे जानते हैं और इस मामले में भी उन्हें मालूम है कि याचिकाकर्ता क्या मांग कर रहे हैं। कोर्ट ने हेगड़े से कहा कि वह अपने मुवक्किल से निर्देश लेकर बताएं क्या चाहते हैं। थोड़ी देर बाद फिर मामले की सुनवाई हुई तो वकील संजय हेगड़े ने कोर्ट से कहा कि मामले को जुलाई में सुनवाई के लिए लगा दिया जाए। उन्होंने कोर्ट के सात मई के आदेश के उस अंश का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि जो लोग ध्वस्तीकरण के नोटिस के पीड़ित हैं।