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जमात-उल-मुजाहिदीन का केंद्र बन रहे बैंगलुरू और मैसूर, पुलिस पुरी तरह से तैयार: बसवराज बोम्मई

कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बैंगलुरू और मैसूर जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश का केंद्र बन गया है। लेकिन पुलिस पुरी तरह से तैयार है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 02:37 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 02:37 PM (IST)
जमात-उल-मुजाहिदीन का केंद्र बन रहे बैंगलुरू और मैसूर, पुलिस पुरी तरह से तैयार: बसवराज बोम्मई

नई दिल्ली,एएनआइ। कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि एनआइए ने कहा है कि बैंगलुरू और मैसूर जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस इसके लिए सभी एतिहात कदम उठा रही है। तटीय कर्नाटक के साथ-साथ आंतरिक कर्नाटक में भी उनका आंदोलन तेज हो गया है। 

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हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख वाईसी मोदी ने खुलासा किया था कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्‍लादेश (Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh, JMB) भारत में तेजी से अपना पैर पसार रहा है। उन्होंने कहा था कि इस संगठन ने भारत में अपनी गतिविधियां तेज कर दी है। उन्होंने कहा था कि बांग्लादेशियों की आड़ में यह झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, असम,  कर्नाटक में सक्रिय है।  वाईसी मोदी ने कहा कि पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी है आतंकियों की मदद करना। उन्होंने आगे कहा था कि 125 संदिग्धों की सूची राज्यों को सौप दी गई है जो  जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्‍लादेश (Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh, JMB) से जुड़े हैं। एनआईए के महानिरिक्षक ने भी बताया था कि  जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्‍लादेश ने बेंगलुरू में अपना ठिकाने बना लिए हैं। उन्होंने कम से कम 20 से 22 ठिकाने यहां स्थापित किए है। 

जानें जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्‍लादेश का इतिहास

जानकारी के लिए बता दें कि जमात उल मु​जाहिदीन बांग्लादेश का आतंकी संगठन है। इस आतंकी संगठन की स्थापना 1998 में मौलाना अब्दुर रहमान उर्फ शेख अब्दुर रहमान ने की थी। दरअसल, इस संगठन का उद्देश्य था कि वह बांग्लादेश की सरकार को गिराकर शरीयत कानून के अनुसार बांग्लादेश को पूरी तरह से इस्लामिक स्टेट बना दें। संगठन ने खुद कई बार पर्चे छापकर अपने इस इरादे के बारे में बताया है। अपने इन पर्चों में उसने साफ किया है कि वह समाजवादी,  लेफ्ट और  सेक्युलर विचारधारा के खिलाफ है।  इतना ही नहीं ये आतंकी संगठन (जेएमबी) सिनेमाघरों, दरगाहों खुले सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और संगठन जैसे एनजीओ के खिलाफ है, क्योंकि उसका कहना है कि ये सब इस्लाम के खिलाफ है। 


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