हिड़मा की मौत के बाद टूटा बारसे देवा, आत्मसमर्पण के लिए कई लोगों से किया संपर्क
पिछले दो वर्षों से सरकार माओवादियों पर दबाव बना रही है। विकास कार्य हो रहे हैं और कई नेता आत्मसमर्पण कर रहे हैं। हिड़मा की मौत के बाद, बारसे देवा आत्मसमर्पण करना चाहता है, लेकिन वह उलझन में है कि किससे संपर्क करे और कहां आत्मसमर्पण करे। वह सुरक्षित रहना चाहता है और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहता है। कुछ दिनों पहले आत्मसमर्पण टल गया था, लेकिन जल्द ही हो सकता है।

आत्मसमर्पण की तैयारी में बारसे देवा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दो साल से लगातार माओवाद संगठन पर केन्द्र व राज्य सरकार हर मोर्चो पर वार कर रही है। जहां एक और विकास की किरणें उन इलाकों में पहुंचाई जा रही है जहां कभी माओवाद नाम का अंधेरा हुआ करता था। मुठभेड़ों के अलावा बड़े लीडर आत्मसमर्पण कर रहे है, लेकिन हिड़मा की मौत के बाद संगठन पूरा टूट चुका है।
बटालियन का कमांडर बारसे देवा अपने साथियों के साथ आत्म समर्पण करना चाहूता है लेकिन वो बुरी तरह कन्फयूज्ड हो गया है, कि आखिरकार करे तो कहां करे और किसके माध्यम से करे। पिछले दो दिनों से देवा समेत दर्जनों माओवादियों के आत्मसमर्पण की खबरें आ रही थी, और लगभग तय भी था लकिन ऐन वक्त पर किसी कारण से आत्मसमर्पण टल गया लेकिन आने वाले दिनों में कभी भी हो सकता है।
मंगलवार सुबह खबर मिली थी कि खूंखार माओवादी नेता हिड़मा मुठभेड़ में मारा गया, संभवत उसी दिन या फिर अगले दिन पीएलजीए बटालियन का कमांडर बारसे देवा ने कुछ लोगो से संर्पक किया और आत्म समर्पण करने की इच्छा जाहिर की। उसके बाद तेजी से कई घटनाक्रम बदला, तेलंगाना में माओवादी शीर्ष नेता आजाद के साथ 37 माओवादियों ने आत्म समर्पण किया और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने एनंकाउंटर को लेकर सवाल खड़े किए।
आत्मसमर्पण करता चाहता है बारसे देवा
खैर अब बारसे देवा आत्मसमर्पण तो करना चाहता है लेकिन वो पूरी तरह कन्फयूज्ड हो गया है। क्योंकि छत्तीसगढ़ पुलिस भी लगी है कि वो यहां आत्मसमर्पण करे और सीमावर्ती प्रदेश की पुलिस और खुफिया विभाग भी लगा हुआ है कि वो यहां आत्मसमर्पण करे।
खासबात यह है कि कुछ पत्रकार और स्थानीय नेताओं के साथ समाज के भी लोग लगे हुए है कि वो हमारे माध्यम से आत्मसमर्पण करे इस तरह बारसे देवा और उनके साथी पूरी तरह कन्फयूज्ड हो गए है कि आखिरकार कहा और किस माध्यम से आत्मसमर्पण करे ताकि सुरक्षित रह सके और शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके। अब देखना यह होगा कि वो आत्मसमर्पण कहां और किस माध्यम से करता है।
आत्मसमर्पण की थी तैयारी
सूत्रों की माने तो शनिवार को बारसे देवा और उनके साथियों के आत्मसमर्पण की लगभग तैयारी हो गई थी। लेकिन ऐन वक्त पर कुछ कारण से ये आत्मसमर्पण टल गया। बताया जाता है कि आगामी एक दो दिन में कभी भी आत्मसमर्पण हो सकता है। और इस खबर को उस वक्त और हवा लगी तब प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का अचानक सुकमा दौरा हुआ।

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