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    Justice Varma: जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर CJI का बार एसोसिएशनों को आश्वासन, कहा- 'करेंगे विचार'

    Updated: Thu, 27 Mar 2025 04:20 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से नकदी बरामद होने के बाद उनके ट्रांसफर पर विवाद खड़ा हो गया है। गुजरात केरल कर्नाटक लखनऊ और इलाहाबाद बार एसोसिएशनों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनके स्थानांतरण पर रोक लगाने की मांग की। एसोसिएशनों ने न्यायिक जवाबदेही और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि जस्टिस वर्मा को उनके प्रशासनिक कार्य भी बहाल किए जाएं।

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    बार एसोसिएशनों का जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर पर विरोध, न्यायिक जवाबदेही की मांग। (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकारी आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में जांच का सामना कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने के फैसले पर कोलेजियम पुनर्विचार कर सकती है। गुरुवार को छह हाई कोर्ट बार एसोसिएशनों के अध्यक्षों ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित कोलेजियम के पांच न्यायाधीशों से मुलाकात कर जस्टिस वर्मा को भेजने की सिफारिश वापस लेने का आग्रह किया।

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    विचार करने का आश्वासन

    सीजेआई ने उन्हें मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया। जिन छह हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और प्रतिनिधि सीजेआई से मिले हैं, उनमें इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, गुजरात हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, केरल हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, कर्नाटक हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और लखनऊ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शामिल थे। यह प्रतिनिधिमंडल बुधवार को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मिला था और उन्हें भी अपनी मांगों और चिंताओं से अवगत कराया था।

    इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश वापस

    • इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने गुरुवार को बताया कि छह उच्च न्यायालयों की बार एसोसिएशन के अध्यक्षों ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित कोलेजियम के पांच न्यायाधीशों से मुलाकात कर जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश वापस लेने का आग्रह किया।
    • सीजेआई ने उन्हें मांग पर विचार करने का भरोसा दिलाया है। सीजेआई के भरोसा दिलाने के बाद बार एसोसिएशन जस्टिस वर्मा को भेजने की सिफारिश के विरोध में जारी हड़ताल वापस लेने पर विचार कर सकती है।
    • उन्होंने बताया कि गुरुवार को छह हाई कोर्ट की बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम से मिले। इसके अलावा 18 अन्य हाई कोर्ट की बार एसोसिएशनों का भी समर्थन उन्हें प्राप्त है।
    • कुल 25 हाई कोर्ट की बार एसोसिएशन उनके साथ हैं।मुलाकात के दौरान बार एसोसिएशनों ने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को एक ज्ञापन भी सौंपा।

    सीजेआई द्वारा उठाए गए कदम

    मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में सीजेआई सहित पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। कोलेजियम में इस वक्त सीजेआई के अलावा जस्टिस बीआर गवई, सूर्यकांत, अभय एस ओका और विक्रमनाथ शामिल हैं। बार एसोसिएशनों ने ज्ञापन में जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में सीजेआई द्वारा उठाए गए कदम और दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट सहित सारे दस्तावेज वेबसाइट पर सार्वजनिक कर पारदर्शिता को बढ़ावा देने की सराहना की है। ज्ञापन में तीन आग्रह किए गए हैं।

    जस्टिस यशवंत वर्मा को भेजने की सिफारिश वापस

    पहला अनुरोध है कि सीजेआई और कोलेजियम जस्टिस यशवंत वर्मा को भेजने की सिफारिश वापस ले। जस्टिस वर्मा से न्यायिक कार्य के अलावा सभी तरह का प्रशासनिक काम भी वापस लिया जाए। यह भी कहा गया है कि जिस तरह किसी भी सरकारी कर्मचारी के मामले में आपराधिक कानून के प्रविधान लागू होते हैं, वैसे ही इस मामले में भी आपराधिक कानून लागू किया जाए।

    अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं

    दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट के मुताबिक किसी ने 15 मार्च को परिसर से सामान हटाया है। ऐसे में आपराधिक कानून को काम करने दिया जाना चाहिए, ताकि साक्ष्य नष्ट न हों। कहा गया है कि इस तरह के अपराधों में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं और मामला दर्ज न होने से अभियोजन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

    बार एसोसिएशनों ने कोलेजियम से यह भी आग्रह किया है कि उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों की जवाबदेही का मानक तय होना चाहिए और मौजूदा आंतरिक जांच व्यवस्था का पुन: आकलन किया जाना चाहिए।

    1. ज्ञापन में कहा गया है कि अगर जस्टिस वर्मा को भेजने की सिफारिश वापस नहीं ली जाती तो बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से समर्थन दिखाने के लिए इलाहाबाद में मिलेंगे।
    2. मालूम हो कि गत 14 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगने की सूचना पुलिस को मिली और जब अग्निशमन दस्ता आग बुझाने पहुंचा तो कथित तौर पर वहां भारी मात्रा में जले हुए नोट मिले थे।
    3. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा का जवाब देखने के बाद सीजेआई ने आरोपों की जांच के लिए हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है।

    प्राथमिकी दर्ज करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई आज

    जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से कथित तौर पर अधजले नोट मिलने को लेकर दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत की वाद सूची के अनुसार, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा और तीन अन्य ने रविवार को याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

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