बीएपी के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल के पीए रोहिताश मीणा गिरफ्तार, 6 महीने से था फरार
बागीदौरा से बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल के पीए रोहिताश मीणा, जो पिछले छह महीने से फरार थे, को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रोहिताश मीणा पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसके चलते पुलिस को उसकी तलाश थी। अब पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

एसीबी ने किया गिरफ्तार।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल के निजी सहायक रोहिताश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। रोहिताश पिछले छह महीने से फरार चल रहा था। वह उसी रिश्वत प्रकरण का अहम हिस्सा है, जिसमें विधायक जयकृष्ण पटेल को बीस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। एसीबी का मानना है कि इस गिरफ्तारी के बाद मामले से जुड़े कई नए राज खुल सकते हैं।
एसीबी अधिकारियों के अनुसार जयकृष्ण पटेल के ट्रैप के दौरान रोहित बीस लाख रुपए की रिश्वत राशि लेकर मौके से भाग गया था। यह वही रिश्वत थी जो खनन विभाग से जुड़े सवाल विधानसभा में वापस लेने के बदले मांगी गई थी।
एसीबी ने इस मामले में पहले ही विधायक पटेल सहित चार अन्य आरोपियों विजय पटेल, लक्ष्मण मीणा और जगराम मीणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने मई में सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने कहा था कि चालान पेश हो चुका है और ट्रायल में समय लगेगा, इसलिए जमानत उचित है।
यह मामला राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में पहला था जब किसी विधायक को एसीबी ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। जांच में सामने आया कि जयकृष्ण पटेल ने खनन विभाग से जुड़े सवाल हटाने के एवज में दस करोड़ रुपए की मांग की थी, जो बाद में ढाई करोड़ रुपए में तय हुई। जयपुर के ज्योति नगर स्थित विधायक आवास पर बीस लाख रुपए की पहली किश्त लेते समय एसीबी ने ट्रैप किया।
सीसीटीवी फुटेज में विधायक अपने चचेरे भाई विजय पटेल के साथ नजर आए, जबकि रोहिताश मीणा को रिश्वत की रकम से भरा बैग लेकर स्कूटी से निकलते देखा गया। पटेल ने उसे हाथ से जल्दी जाने का इशारा किया था। शिकायत खनन कारोबारी रविंद्र सिंह मीणा ने दर्ज कराई थी, जिनके पिता रामनिवास मीणा 2023 में टोडाभीम से भाजपा प्रत्याशी थे।
जयकृष्ण पटेल 2024 के बागीदौरा उप चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी से विधायक बने थे। एसीबी का कहना है कि रोहिताश की गिरफ्तारी से अब यह पता लगाया जाएगा कि रिश्वत की रकम आखिर गई कहां और इस नेटवर्क में और कौन लोग शामिल थे।

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