जब दुकानदार ने लगा दी सिक्कों की बोली- '100 रुपये का नोट दो और 200 रुपये के ले जाओ'
बैंकवालों ने सिक्के जमा करने से इनकार किया, तो दुकानदार ने बैंक के बाहर बैठकर आधे दामों में बेच डाले सिक्के।
ग्वालियर (नईदुनिया)। बीतें दिनों आपने भी ये खबर पढ़ी या सुनी होगी कि बैंकवालों ने सिक्के लेने से इनकार कर दिया। जिसके बाद यह अफवाह भी फैलने लगी कि सिक्कों का जलन अब बंद हो रहा है, हालांकि मामला बढ़ा तो अफवाह पर भी पानी पड़ गया। लेकिन सिक्कों से जुड़ा यह मामला काफी दिलचस्प है। जहां बैंक द्वारा सिक्के न लिए जाने पर एक दुकानदार ने सब्जी-भाजी जैसे सिक्कों को ही बेच डाला।
'100 रुपये का नोट दो और 200 रुपये ले जाओ'
दरअसल, एक दुकानदार गुरुवार सुबह करीब 11 बजे केनरा बैंक में 30 हजार रुपये के सिक्के अपने खाते में जमा कराने पहुंचा। इतने अधिक सिक्के होने के चलते बैंक प्रबंधक ने जमा करने से मना कर दिया। जब वह ज्यादा देर तक गिड़गिड़ाता रहा तो बैंक अफसरों ने उसे बाहर निकाल दिया। तब उसने बैंक के बाहर ही चादर डालकर इन सिक्कों को रख दिया और आवाज लगाने लगा- 'सस्ते हो गए सिक्के, 100 रुपये का नोट दो और 200 रुपये के ले जाओ।'
8 हजार रुपये के सिक्के चार हजार में बेच डाले
दुकानदार की आवाज सुनकर बैंक के अंदर और बाहर खड़े लोगों ने 100 रुपये के नोट देकर 200 रुपये के सिक्के खरीद लिए। इस तरह उसने आठ हजार रुपये के सिक्के बैंक के सामने ही चार हजार रुपये में बेच दिए।
रामगोपाल गोयल पुत्र हरिबाबू गोयल की ग्राम भितरवार के वार्ड क्रमांक आठ में परचून की दुकान है। वह 30 हजार रुपये के एक, दो और पांच रुपये के सिक्के लेकर केनरा बैंक में जमा कराने पहुंचा था। वहां कैशियर ने कहा कि पहले बैंक मैनेजर से मिलो। जब वह बैंक मैनेजर आशीष मरखानी के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि ये सिक्के अपने पास ही रखो, बैंक में जमा नहीं होंगे और गार्ड से कहकर उसे बैंक से बाहर निकलवा दिया। इसके बाद वह उन सिक्कों को लेकर बैंक के बाहर ही बैठ गया और सब्जी-भाजी की तरह आवाज लगाकर सिक्के बेचना शुरू कर दिया। गोयल ने कहा कि थोक व्यापारियों ने सिक्के लेने से मना कर दिया और बैंक में जमा करने पहुंचा तो बैंक प्रबंधक ने भी सिक्के नहीं लिए और मुझे बाहर निकाल दिया। ऐसे में मजबूरी में सिक्के बेचना पड़े।
अब दुकानदार भी ग्राहकों से नहीं ले रहे सिक्के
बैंक प्रबंधक ने जब दुकानदार से सिक्के लेने से मना कर दिया तो कस्बे के अन्य दुकानदारों ने भी ग्राहकों से सिक्के लेना बंद कर दिए। कस्बेवासी रामकुमार ने बताया कि वह सिक्के लेकर तम्बाकू लेने के लिए गया, तो उससे पांच रुपये का सिक्का नहीं लिया गया।
इनका कहना है
गुरुवार को रामगोपाल सिक्कों को लेकर जमा करने के लिए आया। लेकिन इसके खाते में लगे आधार कार्ड पर नाम रामगोपाल जोशी लिखा है। साथ ही आधार नंबर लिंक नहीं है। इसके चलते सिक्के जमा नहीं किए गए।
- आशीष मारखानी, बैंक प्रबंधक
दस साल सजा का प्रावधान
यदि कोई व्यक्ति या संस्था सिक्के स्वीकार नहीं करता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ धारा-124 (क) के तहत राजद्रोह का अपराध बनता है। इसके अलावा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। इसमें कम से कम 10 वर्ष की सजा का भी प्रावधान है।
-हरीश अग्रवाल, एडवोकेट, वकील, भितरवार
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