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    बांग्लादेश से इलाज कराने मेडिकल वीजा लेकर बंगाल आए, यहीं बस गए

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 11:41 PM (IST)

    बांग्लादेश से इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर पश्चिम बंगाल आने वाले कुछ लोग यहीं बस जाते हैं, जिससे वीजा नियमों का उल्लंघन होता है। इससे सुरक्षा और संसाधनों पर दबाव जैसी चिंताएं बढ़ रही हैं। सरकार इस स्थिति से निपटने और पहचान सत्यापन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कदम उठा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे नौकरियों के अवसर कम हो रहे हैं।

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    बांग्लादेशी घुसपैठिए। (पीटीआई फाइल)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की शुरुआत के बाद एक तरफ जहां घुसपैठिये भाग रहे हैं तो दूसरी ओर उनके एक के बाद एक कारनामे सामने आ रहे हैं। सिर्फ अवैध रूप से ही नहीं बल्कि टूरिस्ट से लेकर मेडिकल वीजा पर बांग्लादेश से आने वाले कई लोग ऐसे हैं जो वीजा की मियाद समाप्त होने के बाद स्वदेश नहीं लौटे और यहीं बस गए।

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    सूत्रों के मुताबिक विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय ने चुनाव आयोग को कम से कम ऐसे छह बांग्लादेशी नागरिकों के बारे में जानकारी दी है, जो मेडिकल वीजा लेकर बंगाल आए थे लेकिन चिकित्सा कराने के बाद वापस नहीं लौटे बल्कि आधार व मतदाता परिचय पत्र बनवाकर यहीं बस गए। यही नहीं उन्होंने स्टेट बैंक में अपना खाता तक खुलवा लिया था। चुनाव आयोग मामलों की जांच कर रहा है।

    हर साल मेडिकल वीजा लेकर आते हैं हजारों बांग्लादेशी

    मालूम हो कि कोलकाता के अस्पतालों में इलाज कराने हर साल मेडिकल वीजा लेकर हजारों बांग्लादेशी आते हैं। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय सतर्क है और आयोग को लगातार ऐसी जानकारियां उपलब्ध करा रहा है।

    बांग्लादेशी घुसपैठियों ने वोटर या आधार कार्ड नहीं बल्कि भारतीय पासपोर्ट भी बना रखे हैं। मामले की जांच ईडी भी कर रही है, जिसमें कुछ माह पहले ही बांग्लदेश के रास्ते बंगाल में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी हुई थी जो फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने का रैकेट चला रहा था।