Bangladesh Protest: शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए किसने किया मजबूर? निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका ने खोले कई राज
बांग्लादेश से निष्कासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने शेख हसीना पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिन इस्लामी कट्टरपंथियों के कारण मुझे अपने देश से निकाला गया था आज उन्हीं इस्लामी कट्टरपंथियों के कारण शेख हसीना को भी देश छोड़ना पड़ा है। तस्लीमा नसरीन ने कहा कि शेख हसीना सोमवार को आनन-फानन में अपने पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। साल 1999 में बांग्लादेश से निष्कासित लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasrin) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) की चुटकी लेते हुए कहा कि जिन इस्लामी कट्टरपंथियों के कारण मुझे अपने देश से निकाला गया था, आज उन्हीं इस्लामी कट्टरपंथियों के कारण शेख हसीना को भी देश छोड़ना पड़ा है।
हसीना ने आनन-फानन में दिया इस्तीफाः तस्लीमा नसरीन
पूर्व प्रधानमंत्री हसीना की स्थिति को अपने जैसा ही मानते हुए तस्लीमा नसरीन ने कहा कि उनकी किताब 'लज्जा' के विरोध के चलते ही वह बांग्लादेश से निकाले जाने के बाद से भारत में रह रही हैं। तस्लीमा नसरीन ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि शेख हसीना सोमवार को आनन-फानन में अपने पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई हैं।
तस्लीमा नसरीन को हसीना ने किया था देश से बाहर
बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'हसीना ने इस्लामी कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए मुझे बांग्लादेश से बाहर कर दिया था। जब 1999 में मैं वापस अपने देश गई तो मुझे बांग्लादेश में घुसने ही नहीं दिया गया। उसके बाद मुझे कभी भी बांग्लादेश जाने की अनुमति नहीं दी गई। आज वही इस्लामिक कट्टरपंथी छात्र आंदोलन का हिस्सा बनकर शेख हसीना को देश छोड़ने को मजबूर कर चुके हैं।'
1994 से बांग्लादेश से निष्कासन झेल रही हैं
उल्लेखनीय है कि तस्लीमा नसरीन वर्ष 1994 से बांग्लादेश से निष्कासन झेल रही हैं। बांग्लादेश में महिलाओं की समानता और सांप्रदायिकता पर किताब लिखने के बाद से उनके उपन्यास लज्जा (1993) और अमर मेयेबेला (1998) पर बांग्लादेश सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया गया था। तस्लीमा निष्कासन के कुछ समय बाद से भारत में रह रही हैं।
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