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    बंगारू का सच सामने आ ही गया

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    Updated: Fri, 27 Apr 2012 08:32 PM (IST)

    ऐसे समय जब भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस पर संसद और संसद के बाहर हमले पर हमले कर रही थी शुक्रवार को बंगारू लक्ष्मण से संबंधित आया फैसला पार्ट ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। ऐसे समय जब भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस पर संसद और संसद के बाहर हमले पर हमले कर रही थी शुक्रवार को बंगारू लक्ष्मण से संबंधित आया फैसला पार्टी के लिए किसी बढ़े झटके से कम नहीं है। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण रिश्वत मामले में अदालत द्वारा शुक्रवार को दोषी करार दे ही दिए गए। 11 वर्ष पुराने इस मामले में शनिवार को अदातल उन्हें सजा सुनाएगी।

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    बंगारू लक्ष्मण का जन्म 1939 में आंध्र प्रदेश के एक मादिगा दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद से बीए एवं एलएलबी की डिग्री हासिल की। बंगारू लक्ष्मण काफी युवा अवस्था में ही राजनीति में शामिल हो गए थे। 1975 में आपातकाल के दौरान वह जेल भी जा चुके है। बंगारू लक्ष्मण 1996 में राज्यसभा के लिए चुने गए। वह 1999-2000 तक रेल राज्यमंत्री थे।

    इसके बाद बंगारू भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त हुए। हालांकि कुछ समय बाद ही वह तहलका द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते पकड़े गए। बंगारू लक्ष्मण भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा कई और पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। स्िटग आपरेशन में नाम आने के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था।

    तहलका डॉट कॉम ने 13 मार्च 2001 को फर्जी रक्षा सौदे के स्टिंग ऑपरेशन का विडियो जारी किया था। खुफिया कैमरे में भाजपा नेता बंगारू लक्ष्मण रक्षा सौदे के फर्जी एजेंट से एक लाख रुपये लेते देखे गए।

    तहलका के पत्रकारों ने बंगारू के सामने खुद को ब्रिटेन की वेस्ट ऐंड नाम की रक्षा कंपनी का एजेंट बताया एवं रक्षा सौदे के लिए उनसे सिफारिश करने को कहा। सीबीआइ की चार्जशीट के मुताबिक रक्षा सौदों के एजेंट के तौर पर तहलका के पत्रकारों ने बंगारू लक्ष्मण से 8 बार मुलाकात की।

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