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मोबाइल और जींस का प्रतिबंध केवल लड़कियों पर ही क्यों?

खाप-पंचायतों द्वारा लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल करने व जींस-शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने मोर्चा संभाल लिया है। आयोग की सदस्य शमिना शफीक ने कहा कि पंचायत का फरमान यह लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं तो और क्या है? शमिना शफीक ने सोमवार को जिले के गरनावठी

By Edited By: Published: Tue, 24 Sep 2013 05:20 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2013 11:41 AM (IST)
मोबाइल और जींस का प्रतिबंध केवल लड़कियों पर ही क्यों?

जागरण संवाददाता, रोहतक। खाप-पंचायतों द्वारा लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल करने व जींस-शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने मोर्चा संभाल लिया है। आयोग की सदस्य शमिना शफीक ने कहा कि पंचायत का फरमान यह लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं तो और क्या है?

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शमिना शफीक ने सोमवार को जिले के गरनावठी गांव का दौरा करने के बाद जागरण से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने बताया कि गांव में आनर किलिंग के बारे में लिए कोई भी मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है।

शफीक ने कहा कि गरनावठी में युवक-युवती की हत्या ऑनर किलिंग नहीं बल्कि हॉरर किलिंग है। कानून इसकी इजाजत नहीं देता है। आनर किलिंग के बारे में शफीक ने कहा कि हालांकि धर्मेद्र के परिवार के सदस्य बोलना चाहते हैं, लेकिन उनको सामाजिक बहिष्कार का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच करवाई जा रही है कि इस वारदात के पीछे पीड़ित परिवार पर किसी तरह कासामाजिक दबाव तो नहीं था।

उन्होंने कहा कि वे हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन की पक्षधर नहीं हैं।

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