बाबबिटाइजेशन केस: स्वामी गंगेशानंद ने केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज के डीजीपी के शामिल होने का लगाया आरोप
स्वामी गंगेशानंद के सनसनीखेज बाबिटाइजेशन के पांच साल पुराने मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ा है। स्वामी गंगेशानंद ने केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज के डीजीपी बी संध्या के इस मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है।
कोच्चि, एएनआइ। स्वामी गंगेशानंद के सनसनीखेज बाबिटाइजेशन के पांच साल पुराने मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ा है। स्वामी गंगेशानंद ने केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज के डीजीपी बी संध्या के इस मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है। बता दें कि उनका यह आरोप जांच की अंतिम रिपोर्ट के खुलासे के बाद सामने आया है, जिस रिपोर्ट में, अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) ने निष्कर्ष निकाला था कि मामले में, शिकायतकर्ता ने अपने पुरुष मित्र और स्वामी के शिष्य अयप्पादास के साथ मिलकर स्वामी के जननांगों को काटने की साजिश रची थी।
क्या है पूरी घटना
आपको बता दें कि पूरी घटना 19 मई, 2017 की है, जो रात को एक लड़की के घर पर हुई थी। लड़की, उस समय कानून (ला स्टूडेंट) की छात्रा थी, ने शुरु में एक शिकायत की थी। जिसके बाद यह मामला सबके सामने आया, जिसमें लड़की ने बताया था कि जब उस पर स्वामी ने यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की तो उसने अपने बचाव में उन पर हमला किया था।
क्या कहा स्वामी गंगेशानंद ने
स्वामी गंगेशानंद ने कहा, 'मैं पांच साल पहले चट्टम्पी तिरुवनंतपुरम जिले के कन्नमूल में चट्टम्पी स्वामीकल (समाज सुधारक) के जन्मस्थान की स्मृति में आया था। जहां की 9 सेंट भूमि डीजीपी बी संध्या के पास थी और 7 सेंट भूमि उनके पति मधु कुमार के पास थी। स्वामी ने आगे कहा कि इस सब से उनका कोई लेना-देना नहीं है, उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए कहा, इन लोगों ने मेरे मेरे जननांगों को काट दिया।' स्वामी ने कहा, 'पुलिस को इस पूरे मामले में संध्या की भूमिका की जांच करनी चाहिए। मेरे साथ रहने वाले तीन लोगों का इससे कुछ लेना-देना था।
स्वामी ने आगे आरोप लगाया कि घटना वाले दिन उन्हें कुछ दिया गया था, जिससे वो नींद में चले गए थे और पांच साल से इससे संबंधित कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई। उन्होंने कहा, 'मैं वह था जिसे वास्तव में प्रताड़ित किया गया था।'
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