Move to Jagran APP

Azadi Ka Amrit Mahotsav: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कैदियों को सजा में छूट देने की योजना बना रही सरकार, जानिए क्या है पूरी खबर

50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं और ट्रांसजेंडर दोषी कैदियों की सजा को चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा कम। अपनी आधी से अधिक सजा पूरी करने वाले 60 साल से अधिक आयु के पुरुष और दिव्यांग कैदियों को भी मिलेगा लाभ।

By Shashank Shekhar MishraEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 08:20 PM (IST)
Azadi Ka Amrit Mahotsav: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कैदियों को सजा में छूट देने की योजना बना रही सरकार, जानिए क्या है पूरी खबर
तीन चरणों में 15 अगस्त, 2022, 26 जनवरी, 2023 और 15 अगस्त, 2023 को रिहा किया जायेगा कैदियों को

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं और ट्रांसजेंडर दोषी कैदियों की सजा को चरणबद्ध तरीके से कम करने की योजना बना रही है। जिन कैदियों का व्यवहार अच्छा होगा, उन्हें ही इसका लाभ दिया जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं के तहत ऐसा किया जा रहा है। यही नहीं, सरकार 60 साल से अधिक आयु के उन पुरुष कैदियों और दिव्यांग बंदियों को भी इस योजना का लाभ देगी, जिन्होंने अपनी आधी से अधिक सजा पूरी कर ली है। अपनी सजा पूरी कर चुके ऐसे कैदी जो जुर्माना न भरने के कारण अभी जेल में हैं, उन्हें भी जुर्माने से छूट का लाभ दिया जाएगा।

loksabha election banner

गृह मंत्रालय ने बताया कि यह योजना उन कैदियों पर लागू नहीं होगी, जिन्हें मौत या आजीवन कारावास की सजा दी गई है। या फिर जिन पर दुष्कर्म, आतंकवाद, दहेज हत्या और मनी लांड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं। 2020 के एक आधिकारिक आकड़े के अनुसार, देश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। कारागारों में 4.03 लाख कैदियों को रखने की क्षमता है, जबकि इस समय कारागारों में लगभग 4.78 लाख कैदी हैं, जिनमें करीब एक लाख महिलाएं हैं।

तीन चरणों में रिहा होंगे कैदी

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि इन पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले कैदियों को तीन चरणों में 15 अगस्त, 2022, 26 जनवरी, 2023 और 15 अगस्त, 2023 को रिहा किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा है कि 50 साल या उससे अधिक आयु की महिला एवं ट्रांसजेंडर बंदियों, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष कैदियों, 70 प्रतिशत या उससे अधिक अक्षमता वाले दिव्यांगों को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के तहत चलाई जा रही योजना के तहत रिहा किया जा सकता है, बशर्ते कि वे आधी सजा काट चुके हों और उनका व्यवहार अच्छा हो। कहा गया है कि वरिष्ठ असैन्य और पुलिस अधिकारियों की राज्य स्तरीय जांच समिति द्वारा गहन जांच किए जाने के बाद कैदियों को रिहा करने पर विचार किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि अपनी आधी सजा काट चुके जिन व्यक्तियों ने 18 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के दौरान अपराध किया है और उनके खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला नहीं है, उन्हें भी विशेष छूट देने पर विचार किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.