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    Ayushman Bharat Digital Health Mission: वन इंडिया, वन हेल्थ से पटेगी शहरी और ग्रामीण इलाकों की खाई, 1600 करोड़ रुपये की कैबिनेट की मंजूरी

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Sat, 26 Feb 2022 08:04 PM (IST)

    5जी तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सुविधाओं में ग्रामीण और शहरी इलाकों की खाई पाटी जाएगी। वन इंडिया वन हेल्थ का नारा देते हुए PM मोदी ने कहा कि सरकार की योजना देश के सभी आयुष सेंटरों और डिस्पेंसरी को शहरों के सरकारी और निजी अस्पतालों से जोड़ने की है।

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    वन इंडिया, वन हेल्थ का नारा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 5जी तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सुविधाओं में ग्रामीण और शहरी इलाकों की खाई पाटी जाएगी। वन इंडिया, वन हेल्थ का नारा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार की योजना देश के सभी आयुष सेंटरों और डिस्पेंसरी को शहरों के सरकारी और निजी अस्पतालों से जोड़ने की है, ताकि ग्रामीण इलाकों में सस्ती ओर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सके। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल प्लेफार्म मुहैया कराने के लिए कैबिनेट ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के लिए 1600 करोड़ रुपये को मंजूर किया है।

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    शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों से जुड़ेंगे सभी आयुष सेंटर और डिस्पेंसरी

    स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन के उपयोग के लिए बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेली मेडिसिन और टेली कंसल्टेंसी से देश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी इलाकों की खाई पाटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस साल लांच होने जा रहे 5जी तकनीक की मदद से ग्रामीण इलाकों में बेहतरीन हेल्थ केयर उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा। इसके लिए सभी गांवों को आप्टीकल फाइवर से जोड़ने का काम चल रहा है।

    सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में टेली मेडिसिन और टेली कंसल्टेंसी की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ही 2.5 करोड़ से अधिक लोग इसकी मदद से इलाज करा सके हैं। बैठक में विशेषज्ञों ने टेली मेडिसिन और टेली कंसल्टेंसी उपलब्ध कराने वाले ई-संजीवनी प्लेटफार्म को और व्यापक बनाने की जरूरत बल दिया।

    आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश के सभी हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स को एक प्लेटफार्म पर लाने में मदद करेगा। इस मिशन के तहत सभी डाक्टर, अस्पताल, लैब, क्लीनिक को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि यह प्लेटफार्म देश के भीतर के साथ-साथ विदेशों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने का साधन बन सकता है, जिससे मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने निजी क्षेत्र से आयुष्मान भारत के गरीबों से इलाज से उत्पन्न अवसर भुनाने के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार इन गरीबों के इलाज पर हुए खर्च की भुगतान की गारंटी देती है। इसीलिए निजी क्षेत्र को मरीजों और उसके भुगतान की चिंता से मुक्त होकर थ्री टीयर और टू टीयर शहरों में नए अस्पताल खोलना चाहिए। प्रधानमंत्री के अनुसार सरकार की कोशिश ब्लाक और जिला स्तर पर क्रिटिकल हेल्थ केयर की सुविधा तैयार करने की है ताकि ग्रामीण इलाकों में नजदीक में ही इलाज मुहैया कराया जा सके।