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    डायबटीज के इलाज में वैज्ञानिक मापदंडों पर खरा उतरा आयुर्वेद, इंटरनेशनल आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Thu, 02 Nov 2023 08:51 PM (IST)

    कोरोना काल में आयुर्वेद को अत्याधुनिक वैज्ञानिक मापदंड़ों पर परखने की शुरू हुई मुहिम का असर दिखने लगा है। इंटरनेशनल आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार आयुर्वेदिक दवाओं खानपान और जीवन शैली में बदलाव से महज 14 दिन के भीतर डायबटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।

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    आयुर्वेदिक दवा के साथ-साथ खान-पान और जीवन शैली में बदलाव भी जरूरी। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना काल में आयुर्वेद को अत्याधुनिक वैज्ञानिक मापदंड़ों पर परखने की शुरू हुई मुहिम का असर दिखने लगा है। इंटरनेशनल आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार आयुर्वेदिक दवाओं, खानपान और जीवन शैली में बदलाव से महज 14 दिन के भीतर डायबटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।

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    सात करोड़ से अधिक लोग डायबटीज से पीड़ित

    मौजूदा समय में देश में सात करोड़ से अधिक लोग डायबटीज से पीड़ित हैं और इसका प्रबंधन सरकार और चिकित्सा प्रणाली के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। जर्नल के अनुसार पटना के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल व कालेज के सहायक प्रोफेसर प्रभाष चंद्र पाठक के नेतृत्व में पांच डॉक्टरों ने जनवरी से मार्च 2022 के बीच मधुमेह के इलाज में आयुर्वेद की उपयोगिता को लेकर शोध किया।

    पारंपरिक और आधुनिक आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग

    शोध के दौरान मरीज को पारंपरिक के साथ-साथ आधुनिक आयुर्वेदिक दवाएं दी गईं। इसके साथ ही उनके खानपान और जीवन शेली में भी बदलाव किये गए। इसके कारण महज 14 दिन में मरीज का सुगर लेवल खाली पेट 254एमजी/डीएल से घटकर 124 एमजी/डीएल और नास्ते के बाद नाश्ते के बाद 413 से घटकर 154 एमजी/डीएल रह गया। इन सभी पैरामीटर से शुगर में कमी के प्रभावी संकेत मिलते हैं।

    मरीजों को दी गई ये दवाएं

    मरीज को जो दवाएं दी गईं, उनमें बीजीआर-34, आरोग्यवर्धनी वटी, चंद्रप्रभावटी के साथ-साथ अन्य आयुर्वेदिक दवाएं शामिल थीं। इनमें बीजीआर-34 एक आधुनिक आयुर्वेदिक दवा है, जिसे सीएसआइआर से जुड़े लखनऊ स्थित नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ मेडिसिनिल एंड एरोमैटिक प्लांट्स ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।

    बीजीआर-34 में शामिल दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मेथी एवं मजिष्ठा में ऐसे तत्व हैं जो रक्त में सुगर के लेवल को कम करते हैं। प्रकाशित शोधपत्र में इस दिशा में और अधिक अध्ययन की जरूरत बताई गई है ताकि डायबटीज के प्रबंधन में औषधियों व जीवनशैली में बदलाव की भूमिका के ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक आंकड़े उपलब्ध हो सके।